चर्चा में क्यों
हाल ही में, लोक-लेखा समिति की स्थापना के 100 वर्ष पूरे हुए।
विकास क्रम
- इस समिति का गठन भारत सरकार अधिनियम, 1919 के तहत पहली बार वर्ष 1921 में किया गया और तब से यह अस्तित्व में है।
- प्रतिवर्ष गठित की जाने वाली लोक लेखा समिति में 22 सदस्य होते हैं, जिसमें से 15 सदस्य लोकसभा से तथा 7 राज्यसभा से होते हैं। इन सदस्यों का कार्यकाल एक वर्ष का होता है।
- प्रतिवर्ष संसद अपने सदस्यों में से समानुपातिक प्रतिनिधित्त्व सिद्धांत के आधार एकल हस्तांतरणीय मत प्रणाली के माध्यम से इस समिति के सदस्यों का चुनाव करती है। इस प्रकार, इसमें सभी दलों का प्रतिनिधित्त्व सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाता है।
- इस समिति के अध्यक्ष की नियुक्ति लोकसभा अध्यक्ष करता है। परंपरा के अनुसार, वर्ष 1967 से इस समिति का अध्यक्ष विपक्षी दल से ही चुना जाता है।
- इसका मुख्य कार्य नियंत्रक और महालेखा परीक्षक की ऑडिट रिपोर्ट को संसद में प्रस्तुत किये जाने के बाद उसकी जाँच करना है।