उत्कल केशरी डॉ. हरेकृष्ण महताब की 125वीं जयंती समारोह
चर्चा में क्यों ?
भारत की राष्ट्रपति श्रीमती. द्रौपदी मुर्मू उत्कल केशरी डॉ. हरेकृष्ण महताब की 125वीं जयंती समारोह का उद्घाटन किया।
प्रमुख बिंदु:-
इसका उद्घाटन विज्ञान भवन में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू द्वारा किया गया।
डॉ. हरेकृष्ण महताब के सम्मान में इस कार्यक्रम में एक विशेष स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी किया
डॉ . हरेकृष्ण महताब:-
इन्हे "उत्कल केशरी"के नाम से भी जाना जाता है
जन्म 21 नवंबर 1899को ओडिशा के अगरपारा में हुआ
यह भारतीय इतिहास में एक बहुमुखी नेता थे, जिन्हें स्वतंत्रता सेनानी, राजनीतिज्ञ, इतिहासकार, लेखक, समाज सुधारक और पत्रकार के रूप में जाना जाता है
वे स्वामी विवेकानंद, रामकृष्ण परमहंस और महात्मा गांधी जैसी हस्तियों से बहुत प्रभावित थे।
इन्होंने असहयोग आंदोलन, नमक सत्याग्रह आदि जैसे कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से भाग लिया
डॉ. हरेकृष्ण महताब ने ओडिशा को भारत संघ में एकीकृत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई
डॉ. हरेकृष्ण महताब रियासत के अंतिम प्रधानमंत्री थे।
स्वतंत्र भारत में ओडिशा के मुख्यमंत्री (1956-1961)केरूप में, इन्होंने ओडिशा के औद्योगिकीकरण पर ध्यान केंद्रित किया और राज्य के आर्थिक विकास की वकालत की
डॉ. हरेकृष्ण महताब एक महत्वपूर्ण साहित्यिक व्यक्ति भी थे, जिन्होंने ओडिया और अंग्रेजी दोनों में व्यापक रूप से लेखन किया जिसमें ऐतिहासिक विवरण 'ओडिशा का इतिहास' भी शामिल है
वर्ष -1983 में 'गाँव मजलिस'के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कारजीता।
इन्होंने केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री के रूप में भी कार्य किया और 1962 में निर्विरोध लोकसभा के लिए चुने गए
प्रश्न- डॉ. हरेकृष्ण महताब ओडिशा राज्य के मुख्यमंत्री निम्नलिखित में कब बने थे ?