प्रारम्भिक परीक्षा – यूरोप में 14 लाख वर्ष पुराने पत्थर के उपकरणों की खोज मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर- 1 (भारतीय विरासत और संस्कृति) |
संदर्भ
हाल ही में यूरोप में लगभग 14 लाख वर्ष पहले के पुरापाषाण कालीन पत्थर के उपकरण पाए गए हैं।
प्रमुख बिंदु :-
- इस खोज को नेचर जर्नल पत्रिका में प्रकाशित किया गया।
- इस उपकरण को वैज्ञानिकों ने पश्चिमी यूक्रेन में कोरोलेवो के पुरातात्विक स्थल से प्राप्त किया है।
- इस उपकरण को संभवतः होमिनिन्स द्वारा निर्मित किया गया है।
- इसे ओल्डोवन शैली में बनाया गया है।
- ओल्डोवन शैली :- यह पत्थर के उपकरण बनाने की प्रारंभिक शैली है।
- इसे लगभग 2.6 मिलियन वर्ष पहले (माया) होमिनिन द्वारा अफ्रीका में विकसित किया गया था।
- इस तरह के उपकरण अफ्रीका, यूरोप और एशिया में मानव के सबसे पुराने ज्ञात स्थलों पर पाए गए हैं।
शोधकर्ताओं ने वर्ष 1974 में इससे पहले इस साइट से पुरापाषाण काल (2.6 मिलियन से 10,500 साल पहले) के पत्थर के उपकरण जैसे :- हेलिकॉप्टर की खोज की थी।
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महत्व:-
- यह शोध यूरोप में पुरापाषाण कालीन मानव के साक्ष्यों के लिए महत्वपूर्ण है।
- यह शोध यूरोप में प्रारंभिक मानव प्रवास के बारे में जानकारी प्रदान करता है।
- इस शोध से यह जानकारी प्राप्त की जा सकती है कि यूरोप को पहली बार कब और किन मार्गों से उपनिवेशित किया गया था।
होमिनिन :-
- इस समूह में आधुनिक मानव और विलुप्त प्रजातियाँ को शामिल किया जाता है।
- यह एक अज्ञात प्रजातियों में से एक है।
- यह प्रजाति लगभग 2 मिलियन वर्ष पहले अफ्रीका में पायी जाती थी।
- ये मानव प्रजाति लगभग 1.8 मिलियन वर्ष पहले अफ्रीका से यूरेशिया में स्थानांतरित हुई थी।
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पुरापाषाण काल:-
- आरंभिक काल को पुरापाषाण काल कहा जाता है।
- यह दो शब्दों पुरा यानी 'प्राचीन', और पाषाण यानी 'पत्थर' से बना है।
- यह नाम पुरास्थलों से प्राप्त पत्थर के औज़ारों के महत्त्व को बताता है।
- पुरापाषाण काल 20 लाख साल पहले से 12,000 साल पहले तक माना जाता है।
- इस काल को भी तीन भागों में विभाजित किया गया है: 'आरंभिक', 'मध्य' एवं 'उत्तर' पुरापाषाण युग।
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भारत में पुरापाषाण कालीन महत्वपूर्ण स्थल :-
भीमबेटका गुफाएँ (Bhimbetka Caves):-
- यह मध्य प्रदेश में स्थित है।
- इसे यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
- इन गुफाओं में ऊपरी पुरापाषाण काल के शैलचित्रों उत्कीर्ण किये गए हैं।
- यह शैलचित्र प्रारंभिक मनुष्यों की कलात्मक कौशल और सांस्कृतिक प्रथाओं को प्रदर्शित करती हैं।
अत्तिरामपक्कम (Attirampakkam) :-
- यह स्थल तमिलनाडु में स्थित है।
- यहाँ से मध्य पुरापाषाण काल के पत्थर के औजार और कलाकृतियाँ पायी गई हैं।
हुन्स्गी-बैचबल घाटी (Hunsgi-Baichbal Valley) :-
- यह स्थल कर्नाटक के हुन्स्गी-बैचबल घाटी में स्थित है
- यहाँ से प्रारंभिक मानव निवास के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं।
- यहाँ से पत्थर के औजार और जानवरों के अवशेष मिले हैं।
ज्वालापुरम (Jwalapuram) :-
- यह उच्च पुरापाषाणकालीन स्थल आंध्र प्रदेश में स्थित है।
- यहाँ से क्वार्टजाइट चट्टान की सतहों पर उत्कृष्ट नक्काशी और पेंटिंग प्राप्त हुए हैं।
- यह शैल चित्र शिकार के दृश्यों और सांप्रदायिक अनुष्ठानों सहित प्रारंभिक मानव जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाती हैं।
कुपगल (Kupgal) :-
- यह पुरापाषाणकालीन स्थल कर्नाटक में स्थित है।
- यहाँ से पत्थर के औजार और जानवरों की हड्डियाँ प्राप्त हुई हैं।
ईसमपुर (Isampur) :-
- यह पुरापाषाणकालीन स्थल महाराष्ट्र में स्थित है
- यहाँ से पत्थर के औजार और प्राचीन चूल्हों के निशान मिले हैं।
प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न :- निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
- हाल ही में यूरोप में लगभग 15 लाख वर्ष पहले के पुरापाषाण कालीन पत्थर के उपकरण खोजे गए हैं।
- इस उपकरण को वैज्ञानिकों ने पश्चिमी यूक्रेन में कोरोलेवो के पुरातात्विक स्थल से प्राप्त किया है।
- इस उपकरण को ओल्डोवन शैली में बनाया गया है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं
उत्तर (b)
मुख्य परीक्षा प्रश्न :- पुरापाषाण कालीन स्थलों के सांस्कृतिक महत्व की विवेचना कीजिए।
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स्रोत : LIVE SCIENCE