- हाल ही में, सऊदी अरब की अध्यक्षता में आभासी रूप से आयोजित जी-20 के 15वें शिखर सम्मेलन में बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कोविड-19 महामारी को मानवता के इतिहास में एक महत्त्वपूर्ण मोड़ बताते हुए इस द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद से विश्व के सामने सबसे बड़ी चुनौती बताया।
- प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना के बाद की दुनिया (पोस्ट-कोरोना वर्ल्ड) के लिये नए वैश्विक सूचकांक का आह्वान किया, जिसमें निम्नलिखित चार प्रमुख तत्त्व शामिल होंगे -
1. एक विशाल प्रतिभा पूल का निर्माण,
2. यह सुनिश्चित करना कि प्रौद्योगिकी समाज के सभी वर्गों तक पहुँचे,
3. शासन की प्रणालियों में पारदर्शिता और
4. संरक्षण/न्यासिता (Trusteeship) की भावना के साथ पृथ्वी के साथ व्यवहार करना।
- ध्यातव्य है कि G-20, 19 देशों और यूरोपीय संघ का एक अनौपचारिक समूह है, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक के प्रतिनिधि भी शामिल हैं। G-20, दुनिया की सबसे बड़ी, उन्नत और उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं का मिश्रण है , जो दुनिया की आबादी का लगभग दो-तिहाई, वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 85%, वैश्विक निवेश का 80% और वैश्विक व्यापार का 75% से अधिक का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- 19 सदस्य देश अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका हैं। यूरोपीय संघ का प्रतिनिधित्व, यूरोपीय आयोग और यूरोपीय केंद्रीय बैंक द्वारा किया जाता है।