प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिकी, भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, IUCN, CITES, इंटरनेशनल बिग कैट्स अलायंस, प्रोजेक्ट टाइगर मुख्य परीक्षा: सामान्य अध्ययन पेपर-3 |
संदर्भ:
वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन सोसाइटी ऑफ इंडिया (डब्ल्यूपीएसआई) की एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2023 में 1 जनवरी से 25 दिसंबर तक भारत में 204 बाघ मारे गए।
प्रमुख बिंदु:
- रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र में सबसे अधिक 52 बाघ मरे हैं।
- दूसरे स्थान पर मध्य प्रदेश है, जहाँ 45 बाघों की मौत हुई।
- 26 बाघों की मौतों के साथ उत्तराखंड तीसरे स्थान पर है।
- तमिलनाडु और केरल में 15-15 बाघों की मौत हुई।
- कर्नाटक में 13 मौतें दर्ज की गईं।
- मध्य प्रदेश के बाद कर्नाटक में बाघों की संख्या सर्वाधिक है।
- असम और राजस्थान में प्रत्येक में 10 मौतें दर्ज की गईं।
बाघों की मौत के कारण:
- 79 बाघों की मृत्यु प्राकृतिक और अन्य कारणों से हुई।
- अवैध शिकार के कारण 55 बाघों की मृत्यु हुई।
- आपसी कलह 46 बाघों की मौत का कारण बनी।
- बचाव या उपचार के दौरान 14 बाघों की मृत्यु हो गई।
- 7 बाघ ट्रेन या सड़क पर हुई दुर्घटना की वजह से मारे गए।
- 2 बाघों को अन्य प्रजातियों द्वारा मार दिया गया
- एक को वन विभाग/पुलिस ने गोली मार दी या ग्रामीणों ने मार डाला।
विश्व में बाघ:
- प्राकृतिक रूप से बाघ रेंज में 13 देश हैं, जिसमें शामिल हैं – भारत, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, म्यांमार, रूस, चीन, थाईलैंड, मलेशिया, इंडोनेशिया, कंबोडिया, लाओस और वियतनाम।
- IUCN के अनुसार- कंबोडिया, लाओस और वियतनाम में बाघ विलुप्त हो गए हैं।
भारत में बाघों की संख्या:
9 अप्रैल, 2023 को जारी अखिल भारतीय बाघ अनुमान (2022) के पांचवें चक्र के अनुसार, 2022 में भारत में बाघों की संख्या 3,167 थी, जबकि 2018 में 2,967 थी।
बाघ संरक्षण की स्थिति:
इंटरनेशनल बिग कैट्स अलायंस (9 अप्रैल, 2023):
- इसकी शुरुआत कर्नाटक के मैसूर में प्रोजेक्ट टाइगर के 50 साल पूरे होने के अवसर पर की गई थी।
- इसका उद्देश्य विश्व की सात बिग कैट्स के संरक्षण के लिए वैश्विक सहयोग और प्रयासों को मज़बूत करना है।
- बिग कैट्स में बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, चीता, जगुआर, और प्यूमा शामिल हैं।
- चीता के पुनर्वास के साथ भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है, जहां जंगलों में प्यूमा और जगुआर को छोड़कर सभी बिग कैट्स मौजूद हैं।
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प्रोजेक्ट टाइगर (1 अप्रैल, 1973):
- भारत सरकार की एक केंद्र प्रायोजित योजना है।
- भारत में बाघ अभयारण्यों की संख्या अब 54 हो गई है।
- सबसे नया टाइगर रिजर्व, धौलपुर-करौली टाइगर रिज़र्व (राजस्थान) है। (अगस्त 2023 में घोषित)
- नागार्जुन सागर (आन्ध्रप्रदेश) सबसे बड़ा टाइगर रिज़र्व है।
केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के आंकड़े:
- 5 बाघ अभयारण्य ऐसे हैं, जहां अब एक भी बाघ नहीं बचा है।
- 7 बाघ अभयारण्य, जहां प्रत्येक में केवल एक ही बाघ शेष बचा है।
- पूरी तरह से बाघ विहीन हो चुके बाघ अभयारण्यों में शामिल हैं-
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- सह्याद्री बाघ अभ्यारण्य (महाराष्ट्र)
- सतकोसिया बाघ अभयारण्य (ओडीशा)
- डंपा बाघ अभयारण्य (मिजोरम)
- कवल बाघ अभयारण्य (तेलंगाना)
- कमलांग बाघ अभयारण्य (अरुणाचल प्रदेश)
प्रश्न: निम्नलिखित में से किस बाघ अभयारण्य में एक भी बाघ नहीं है?
- सह्याद्री बाघ अभ्यारण्य (महाराष्ट्र)
- सतकोसिया बाघ अभयारण्य (ओडीशा)
- डंपा बाघ अभयारण्य (मिजोरम)
- कवल बाघ अभयारण्य (तेलंगाना)
- कमलांग बाघ अभयारण्य (अरुणाचल प्रदेश)
- धौलपुर-करौली टाइगर रिज़र्व (राजस्थान)
कूट:
(a) 1 और 6
(b) 2,3,4 और 5
(c) 1,2,3,4 और 5
(d) 1,2,3 ,4 ,5 और 6
उत्तर- (c)
मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न: भारत में बाघों की वर्तमान स्थिति का उल्लेख करते हुए इनके संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों की चर्चा कीजिए।
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