प्रारंभिक परीक्षा – पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 26वीं बैठक मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-2 |
संदर्भ
पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 26वीं बैठक 10 दिसंबर, 2023 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अध्यक्षता में पटना में संपन्न हुआ।
प्रमुख बिंदु
- बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 26वीं बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का आग्रह किया।
- बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा की लगातार विकास पहलों के बावजूद बिहार विकास मानकों में राष्ट्रीय औसत से काफी नीचे है।
- बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अनुसार,बिहार विशेष राज्य के दर्जे की सभी शर्तों को पूरा करता है एवं बिहार सरकार के जाति आधारित गणना में आए गरीबी और पिछड़ेपन के आंकड़े भी इसका समर्थन करते हैं।
- मुख्यमंत्री ने जाति आधारित गणना के बाद बिहार में आरक्षण के बढ़ाए गए दायरे की चर्चा के क्रम में गृह मंत्री से यह अनुरोध किया कि इसे शीघ्र ही संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल किया जाए।
- पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 26वीं बैठक में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, पश्चिम बंगाल की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य, झारखंड के वित्त मंत्री रमेश्वर ओरांव और ओडिशा के गृह राज्य मंत्री तुषार क्रांति बेहरा उपस्थित थे।
- केंद्र सरकार के निर्देश पर पटना में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद् की यह 5वीं बार बैठक हुई।
- पूर्वी क्षेत्रीय परिषद् की पूर्व में 1958, 1963, 1985 और 2015 में बैठक हो चुकी है।
क्षेत्रीय परिषद
- क्षेत्रीय परिषदें सांविधिक निकाय हैं (न कि सांविधानिक)।
- इसका गठन संसद राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 के द्वारा अधिनियम बनाकर किया गया।
- राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1956 की धारा 15-22 के तहत साल 1957 में 5 क्षेत्रीय परिषदों की स्थापना की गई थी।
- इस कानून के तहत भारत को पांच क्षेत्रों में विभाजित किया है। (उत्तरी, मध्य,पूर्वी, पश्चिमी तथा दक्षिणी)
- प्रत्येक क्षेत्र के लिए एक क्षेत्रीय परिषद का गठन किया है।
- केंद्रीय गृह मंत्री इन पांचों क्षेत्रीय परिषदों के अध्यक्ष हैं।
प्रत्येक क्षेत्रीय परिषद में निम्नलिखित सदस्य होते हैं-
(a) केंद्र सरकार का गृहमंत्री
(b) क्षेत्र के सभी राज्यों के मुख्यमंत्री
(c) क्षेत्र के प्रत्येक राज्य से दो अन्य मंत्री
(d) क्षेत्र में स्थित प्रत्येक केन्द्र शासित प्रदेश के प्रशासक।
- इसके अतिरिक्त निम्नलिखित व्यक्ति क्षेत्रीय परिषद से सलाहकार (बैठक में बिना मताधिकार के) के रूप में संबंधित हो सकते हैं:
- नीति आयोग द्वारा मनोनीत व्यक्ति
- क्षेत्र में स्थित प्रत्येक राज्य सरकार के मुख्य सचिव
- क्षेत्र के प्रत्येक राज्य के विकास आयुक्त।
- केंद्र सरकार का गृहमंत्री पांचों क्षेत्रीय परिषदों का अध्यक्ष होता है।
- प्रत्येक मुख्यमंत्री क्रमानुसार एक वर्ष के समय के लिए परिषद के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य करते हैं।
- क्षेत्रीय परिषदों का उद्देश्य राज्यों, केन्द्र शासित प्रदेशों तथा केंद्र के बीच सहभागिता तथा समन्वयता को बढ़ावा देना है।
- ये परिषदें आर्थिक तथा सामाजिक योजना, भाषायी अल्पसंख्यक, सीमा विवाद, अंतर्राज्यीय परिवहन आदि जैसे संबंधित विषयों पर विचार-विमर्श तथा संस्तुति करती हैं।
- ये केवल चर्चात्मक तथा परामर्शदात्री निकाय हैं।
क्षेत्रीय परिषदों के उद्देश्य:
- देश का एकीकरण करना।
- क्षेत्रवाद को रोकने में सहायता करना।
- विभाजन के बाद के प्रभावों को दूर करना ताकि पुनर्गठन, एकीकरण तथा आर्थिक विकास की प्रक्रिया एक साथ चल सके।
- केंद्र तथा राज्यों को सामाजिक तथा आर्थिक विषयों पर एक-दूसरे की सहायता करना।
- एक समान नीतियों के विकास के लिए विचारों तथा अनुभवों के आदान-प्रदान में सक्षम बनाना।
- मुख्य विकास योजनाओं के सफल तथा तीव्र क्रियान्वयन के लिए एक-दूसरे की सहायता करना।
- देश के अलग-अलग क्षेत्रों के मध्य राजनैतिक साम्य सुनिश्चित करना।
प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए ।
- पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 26वीं बैठक 10 दिसंबर, 2023 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अध्यक्षता में पटना में संपन्न हुआ।
- राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1956 की धारा 15-22 के तहत साल 1957 में 5 क्षेत्रीय परिषदों की स्थापना की गई थी।
- क्षेत्रीय परिषद केवल चर्चात्मक तथा परामर्शदात्री निकाय हैं।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं ?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीनों
(d) कोई भी नहीं
उत्तर: (c)
मुख्य परीक्षा प्रश्न: – क्षेत्रीय परिषद क्या है? क्षेत्रीय परिषद के प्रमुख कार्यों का उल्लेख कीजिए।
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स्रोत: the hindu