हाल ही में, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने ‘एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग तकनीक’ की मदद से निर्मित तरल रॉकेट इंजन (PS4) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग (AM) को प्राय: 3-D प्रिंटिंग के रूप में जाना जाता है।
PS4 इंजन का उपयोग ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) के चौथे चरण में किया जाता है।
क्या है 3-D प्रिंटिंग
3-D प्रिंटिंग निर्माण की एक प्रक्रिया है जिसके तहत किसी त्रि-विमीय (3-D) वस्तु को डिज़ाइन किया जाता है और उसे बनाने के लिये रंग या आकार के आधार पर आवश्यक पदार्थों को 3-D प्रिंटर में डाला जाता है, फिर इसे भौतिक या वास्तविक रूप में प्राप्त किया जाता है।
ये प्रिंटर लेयरिंग विधि (परत-दर-परत जमा करके नीचे से ऊपर की ओर) का उपयोग करके वांछित वस्तु का निर्माण करते हैं, जो कि सबट्रेक्टिव विनिर्माण प्रक्रियाओं के पूर्ण विपरीत है।
महान इतालवी मूर्तिकार माइकल एंजेलो की उत्कृष्ट कृति डेविड (संगमरमर के एक ही खंड से विशाल मूर्ति) सबट्रेक्टिव निर्माण विधि का एक आदर्श उदाहरण है।
इसमें तरल, अर्द्ध-तरल या पाउडर के रूप में पदार्थ को कंप्यूटर-एडेड डिज़ाइन ड्रॉइंग (CAD Drawing) की सहायता से सटीक रूप से स्रावित किया जाता है या एक इलेक्ट्रॉन या लेज़र बीम का उपयोग करके निर्धारित रूप से तराशा जाता है।
इसरो के 3-D PS4 इंजन के लाभ
इंजन के भागों की संख्या में कमी : 3-D प्रिंटिंग प्रौद्योगिकी ने इसरो को इस इंजन में घटकों (पार्ट्स) की संख्या को 14 से कम करके एक घटक तक लाने में मदद की।
कच्चे माल की बचत : इसके मध्यम से 19 वेल्डिंग जोड़ या रॉकेट जॉइंट्स खत्म हो गए। इससे इंजन के वजन में कमी आई।
इस तकनीक की सहायता से 97% कच्चे माल की बचत हुई।साथ ही, वजन कम होने से ईंधन दक्षता में भी वृद्धि हुई है।
समय की बचत : इस प्रिंटिंग पद्धति से कुल उत्पादन समय में 60% की कमी आई।