प्रारंभिक परीक्षा- समसामयिकी, ब्रह्मोस मिसाइल, RD-33 विमान इंजन, क्लोज़-इन हथियार प्रणाली मुख्य परीक्षा – सामान्य अध्ययन, पेपर-3 |
संदर्भ-
रक्षा मंत्रालय ने सशस्त्र बलों की लड़ाकू क्षमताओं को बढ़ाने के लिए 1 मार्च, 2024 को 39,125 करोड़ रुपये के 5 रक्षा खरीद समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
मुख्य बिंदु-
- पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ भारत के सीमा विवाद के दौरान इन खरीद परियोजनाओं पर विचार किया गया था।
- पांच अनुबंधों में शामिल हैं;
- दो समझौते ब्रह्मोस मिसाइलों और भारतीय रक्षा बलों के लिए जहाज (ship) से संचालित ब्रह्मोस प्रणाली की खरीद के लिए मेसर्स ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड के साथ किया गया।
- एक अनुबंध मिग-29 विमान के लिए विमान-इंजन की खरीद के लिए मेसर्स हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के साथ किया गया।
- दो समझौते क्लोज-इन हथियार प्रणाली और हाई-पावर रडार की खरीद के लिए मेसर्स लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड के साथ किए गए।
प्रमुख समझौते-
1..ब्रह्मोस मिसाइलों की खरीद के लिए दो समझौते किए गए;
- ब्रह्मोस मिसाइलों की खरीद के लिए दो अनुबंधों पर हस्ताक्षर कैबिनेट सुरक्षा समिति (CCS) द्वारा अधिग्रहण को मंजूरी दिए जाने के कुछ दिनों बाद हुए।
- 19,518.65 करोड़ रुपये की लागत से ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड (BAPL) से ब्रह्मोस मिसाइलें खरीदी जाएंगी।
- इन मिसाइलों का उपयोग भारतीय नौसेना को मजबूत करने और प्रशिक्षण आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किया जाएगा।
- 988 करोड़ रुपये की लागत से BAPL से जहाज-जनित (ship-borne) ब्रह्मोस प्रणाली की खरीद की खरीद की जाएगी।
- ये मिसाइलें समुद्री हमले के लिए भारतीय नौसेना का प्राथमिक हथियार होंगी।
- इन हथियारों को विभिन्न फ्रंटलाइन युद्धपोतों पर लगाया जाएगा।
- यह प्रणाली सुपरसोनिक गति से सटीक सटीकता के साथ विस्तारित दूरी से जमीन या समुद्री लक्ष्यों को मारने में सक्षम है।
- कैबिनेट सुरक्षा समिति (CCS) ने 200 से अधिक ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों और संबंधित उपकरणों की खरीद के लिए मंजूरी दी है।
ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल
- भारत-रूस का संयुक्त उद्यम ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का निर्माण करता है
- ब्रह्मोस मिसाइलों को पनडुब्बियों, जहाजों (ship), विमानों या सतह से लॉन्च किया जा सकता है।
- इस मिसाइल की गति 2.8 मैक यानी ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना अधिक है।
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2. मिग-29 विमानों के RD-33 एयरो इंजन की खरीद के समझौते पर मेसर्स हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने हस्ताक्षर किए।
- इस परियोजना की लागत 5,249.72 करोड़ रुपये होगी।
- एयरो इंजन का उत्पादन HAL के कोरापुट डिवीजन द्वारा किया जाएगा।
- इन एयरो इंजनों से मिग-29 बेड़े की शेष बची सेवा अवधि में परिचालन क्षमता को बढ़ाकर भारतीय वायु सेना की आवश्यकता की पूर्ति की जाएगी।
- इनका निर्माण रूसी मूल उपकरण निर्माता से प्रौद्योगिकी लाइसेंस के हस्तांतरण के तहत किया जाएगा।
- इससे भविष्य में RD-33 एयरो-इंजन के मरम्मत और ओवरहाल कार्यों की स्वदेशी सामग्री को बढ़ाने में मदद मिलेगा।
RD-33 विमान इंजन
- RD-33 विमान इंजन एक दो-शाफ्ट टर्बोफैन इंजन है
- इसमें 11 मॉड्यूल शामिल हैं।
- इंजन के भाग हैं;
- 4-चरण निम्न-दबाव कंप्रेसर
- 9-चरण उच्च-दबाव कंप्रेसर
- कुंडलीकार रैमजेट कम्बस्टर
- उच्च और निम्न दबाव टर्बाइन
- सुपरसोनिक चर-क्षेत्र नोजल और आफ्टरबर्नर
- सहायक गियर बॉक्स
- इंजन प्रारंभ और नियंत्रण प्रणाली
- यह इंजन विफलता का पता लगाने वाली प्रणालियों कंप्रेसर स्पीड गवर्नर और LP टरबाइन निकास तापमान सीमक, सर्ज, बर्फ और अग्नि डिटेक्टरों से सुसज्जित है।
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3. रक्षा मंत्रालय ने 7,668.82 करोड़ रुपये की लागत से क्लोज-इन हथियार प्रणाली (CIWS) की खरीद के लिए लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड के साथ समझौता किया।
- CIWS देश के चुनिंदा स्थानों पर टर्मिनल हवाई सुरक्षा प्रदान करेगा।
- यह परियोजना भारतीय एयरोस्पेस, रक्षा और MSME सहित संबंधित उद्योगों की सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा और प्रोत्साहित करेगी।
क्लोज़-इन हथियार प्रणाली (CIWS)
- CIWS एक हथियार प्रणाली है।
- इसे विशेष रूप कम दूरी से आने वाली मिसाइलों और दुश्मन के विमानों की पहचान करने और उन्हें बेअसर करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- इन प्रणालियों का उपयोग आमतौर पर नौसेना के जहाजों पर किया जाता है।
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4. 5,700 करोड़ रुपये की लागत से लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड के साथ हाई-पावर रडार सिस्टम की खरीद के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
- यह रडार सिस्टम वर्तमान के लॉन्ग रेंज रडार का स्थान लेगा।
- यह छोटे रडार क्रॉस सेक्शन लक्ष्यों का पता लगाने में सक्षम परिष्कृत सेंसर के साथ भारतीय वायुसेना की स्थलीय वायु रक्षा क्षमताओं को बढ़ाएगा।
- इससे स्वदेशी रडार निर्माण तकनीक को बढ़ावा मिलेगा।
- यह भारत में निजी क्षेत्र द्वारा निर्मित अपनी तरह का पहला रडार होगा।
समझौतों से लाभ-
- इस समझौते को घरेलू रक्षा विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए सरकार की नीति के तहत लागू किया जाएगा।
- ये समझौते;
- स्वदेशी क्षमताओं को और मजबूत करेंगे।
- विदेशी मुद्रा बचाएंगे।
- भविष्य में विदेशी मूल के उपकरण निर्माताओं पर निर्भरता कम करेंगे।
प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न-
प्रश्न- ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- इसका निर्माण ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया जाता है।
- ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड भारत और रूस का संयुक्त उद्यम है।
- ब्रह्मोस मिसाइलों को पनडुब्बियों, जहाजों (ship), विमानों या सतह से लॉन्च किया जा सकता है।
- इसकी गति 2.8 मैक यानी ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना अधिक है।
उपर्युक्त में से कितना/कितने कथन सही है/हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) केवल तीन
(d) सभी चारों
उत्तर- (d)
मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न-
प्रश्न- हाल ही में रक्षा मंत्रालय ने सशस्त्र बलों की लड़ाकू क्षमताओं को बढ़ाने के लिए रक्षा खरीद समझौतों पर हस्ताक्षर किए। प्रमुख समझौतों को स्पष्ट कीजिए।
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