New
GS Foundation (P+M) - Delhi: 5 May, 3:00 PM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 11 May, 5:30 PM Call Our Course Coordinator: 9555124124 Request Call Back GS Foundation (P+M) - Delhi: 5 May, 3:00 PM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 11 May, 5:30 PM Call Our Course Coordinator: 9555124124 Request Call Back

आर्यभट्ट उपग्रहप्रक्षेपण के 50 वर्ष पूर्ण

(प्रारंभिक परीक्षा : समसामयिक घटनाक्रम)

चर्चा में क्यों 

19 अप्रैल 2025 को  भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह 'आर्यभट्ट' के प्रक्षेपण के 50 वर्ष पूर्ण हुए। 

आर्यभट्ट उपग्रह के बारे में 

  • उपग्रह का नाम: उपग्रह का नाम प्राचीन भारतीय खगोलशास्त्री और गणितज्ञ आर्यभट्ट के नाम पर रखा गया। 
    • उस समय इस सफल प्रक्षेपण के बाद भारत उपग्रह को कक्षा में भेजने वाला विश्व का 11वां देश बन गया था। 
  • सहयोगी देश : यह प्रक्षेपण भारत और सोवियत संघ के बीच वर्ष 1972 में हस्ताक्षरित एक समझौते के तहत किया गया था। 
  • प्रक्षेपण तिथि: 19 अप्रैल 1975
  • प्रक्षेपण स्थल: कपुस्टिन यार, सोवियत संघ
  • मिशन की अवधि : 5 वर्ष, 11 महीने
  • प्रक्षेपण यान: कोसमोस-3एम
  • निर्माता: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO)
  • प्रमुख उद्देश्य : 
    • अंतरिक्ष वैज्ञानिक प्रयोग, विशेष रूप से एक्स-रे खगोलशास्त्र
    • सौर न्यूट्रॉन और गामा किरणों का अवलोकन 
    • ऊपरी वायुमंडल का अध्ययन 

तकनीकी विशेषताएँ

  • डिजाइन एवं वजन : आर्यभट्ट को 26 भुजाओं वाले बहुफलक के रूप में डिजाइन किया गया था जिसका व्यास 1.4 मीटर था और आकार अर्ध-गोलाकार था। 
  • वजन : 360 किलोग्राम 
  • ऊर्जा स्रोत : सौर पैनल और निकेल-कैडमियम बैटरी
  • कक्षा : पृथ्वी की निम्न कक्षा (Low Earth Orbit)
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X