केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राजस्थान के जैसलमेर में जीएसटी परिषद की 55वीं बैठक की अध्यक्षता की।
बैठक में वस्तु एवं सेवा कर से जुड़े प्रमुख मुद्दों पर चर्चा हुई।
इसमें गोवा, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, मेघालय और ओडिशा के मुख्यमंत्री, अरुणाचल प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान और तेलंगाना के उप-मुख्यमंत्री और कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों ने हिस्सा लिया।
GST परिषद के बारे में:
यह केंद्र और राज्यों का एक संयुक्त मंच है।
इसकी स्थापना संविधान के अनुच्छेद 279A के उपबंधों के अधीन की गई है।
यानी यह एक संवैधानिक निकाय है।
अनुच्छेद 279A को 101वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2016 के माध्यम से संविधान में जोड़ा गया है।
GST के कार्यान्वयन से संबंधित मुद्दों पर सिफारिशें करना इसका मुख्य कार्य है।
यह GST के विभिन्न दर स्लैब पर भी निर्णय लेता है।
इसकी संरचना:
अध्यक्षः केंद्रीय वित्त मंत्री।
सदस्यः (कुल 33 सदस्य, जिनमें से 2 सदस्य केंद्र से और 31 सदस्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से)
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री या राजस्व प्रभारी।
वित्त या कराधान के प्रभारी मंत्री या प्रत्येक राज्य सरकार द्वारा नामित कोई अन्य मंत्री।
निर्णय के लिए उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों के 3/4 बहुमत की आवश्यकता होती है।
मतों में केंद्र की हिस्सेदारी 33% होती है।
प्रश्न. जीएसटी परिषद का गठन किस संविधान संशोधन के तहत किया गया था?