संदर्भ
- जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (GSI) के अनुसार जम्मू-कश्मीर (Northern Union Territory of Jammu and Kashmir) के रियासी जिले (Reasi) में 59 लाख टन लीथियम मेटल (अनुमानित) का भंडार मिला है।
लिथियम
- लिथियम एक रासायनिक तत्व है। साधारण परिस्थितियों में यह प्रकृति की सबसे हल्की धातु और सबसे कम घनत्व-वाला ठोस पदार्थ है।
- रासायनिक दृष्टि से यह क्षार धातु समूह का सदस्य है और अन्य क्षार धातुओं की तरह अत्यंत अभिक्रियाशील (रियेक्टिव) है, यानि अन्य पदार्थों के साथ तेज़ी से रासायनिक अभिक्रिया कर लेता है।
- यदि इसे हवा में रखा जाये तो यह जल्दी ही वायु में मौजूद ऑक्सीजन से अभिक्रिया करने लगता है, जो इसके शीघ्र ही आग पकड़ लेने में प्रकट होता है। इस कारणवश इसे तेल में डुबो कर रखा जाता है।
- तेल से निकालकर इसे काटे जाने पर यह चमकीला होता है लेकिन जल्द ही पहले भूरा-सा बनकर चमक खो देता है और फिर काला होने लगता है।
- अपनी इस अधिक अभिक्रियाशीलता की वजह से यह प्रकृति में शुद्ध रूप में कभी नहीं मिलता बल्कि केवल अन्य तत्वों के साथ यौगिकों में ही पाया जाता है।
- अपने कम घनत्व के कारण लिथियम बहुत हलका होता है और धातु होने के बावजूद इसे आसानी से चाकू से काटा जा सकता है।
इन देशों से भारत करता है लिथियम का इंपोर्ट
- इलेक्ट्रिक व्हीकल और मोबाइल फोन जैसे डिवाइस की बैटरी तैयार करने में लीथियम मेटल का इस्तेमाल किया जाता है.
- अब तक भारत देश में बैटरी बनाने के लिए ऑस्ट्रेलिया और अर्जेंटिना जैसे देशों से लीथियम का इंपोर्ट (आयात) किया जाता रहा है।
- लेकिन जम्मू कश्मीर में लीथियम का भंडार मिलने से विदेशी मुल्कों द्वारा इंमोर्ट में गिरावट आएगी।
- उम्मीद है कि अब भारत लीथियम की मांग को पूरा करने और इलेक्ट्रिक वाहनों व मोबाइल फोन की बैटरी तैयार करने के लिए के लिए जम्मू कश्मीर के लीथियम भंडार पर निर्भर रहेगा