प्रारंभिक परीक्षा – डीआरडीओ का 66वां स्थापना दिवस मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-3 |
चर्चा में क्यों
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने 01 जनवरी 2024 को 66वां स्थापना दिवस मनाया।
प्रमुख बिंदु
- रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन का गठन 1958 में भारतीय सेना के पहले से चल रहे तकनीकी विकास प्रतिष्ठान (TDEs) और रक्षा विज्ञान संगठन (DSO) के साथ तकनीकी विकास एवं उत्पादन निदेशालय (DTDP) को मिला कर किया गया था।
- रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन भारत की रक्षा से जुड़े अनुसंधान कार्यों के लिये देश की अग्रणी संस्था है।
- यह संगठन रक्षा मंत्रालय की एक आनुषांगिक ईकाई के रूप में काम करता है।
- रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन का कार्य सुरक्षा बलों के लिए अत्याधुनिक सेंसर, हथियार, उपकरणों का डिजाइन, विकास और उत्पादन करना व इसके लिए शोध करना है।
- इसकी स्थापना विश्व स्तरीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी स्थापित करके भारत को समृद्ध और रक्षा सेवाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी प्रणालियों और समाधानों से लैस करके निर्णायक बढ़त प्रदान करने के लिए की गई थी।
- यह वैमानिकी, आयुध, इलेक्ट्रॉनिक्स, लड़ाकू वाहन, इंजीनियरिंग सिस्टम, इंस्ट्रूमेंटेशन, मिसाइल, उन्नत कंप्यूटिंग और सिमुलेशन, विशेष सामग्री, नौसेना प्रणाली, सूचना प्रणाली मिसाइलों, आयुध, रडार, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली जैसे अहम विषयों पर काम करती है।
प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने 01 जनवरी 2024 को 66वां स्थापना दिवस मनाया।
- यह संगठन भारतीय रक्षा मंत्रालय की एक आनुषांगिक ईकाई के रूप में काम करता है।
- रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन का कार्य सुरक्षा बलों के लिए अत्याधुनिक सेंसर, हथियार, उपकरणों का डिजाइन, विकास और उत्पादन करना व इसके लिए शोध करना है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं ?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) सभी तीनों
(d) कोई भी नहीं
उत्तर: (c)
मुख्य परीक्षा प्रश्न: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के प्रमुख कार्यों का उल्लेख कीजिए।
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स्रोत : PIB