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6 G प्रायोगिक उपग्रह

चर्चा में क्यों?

हाल ही में, चीन ने दुनिया का पहला 6 G प्रायोगिक उपग्रह लॉन्च किया है।

महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • लगभग 70 किलोग्राम वजनी इस उपग्रह को चीन के शांक्सी प्रांत के ताईयुआन सैटेलाइट सेंटर से ‘लॉन्ग मार्च-6 कैरियर रॉकेट’ द्वारा लॉन्च किया गया है।
  • यह रॉकेट अपने साथ अर्जेंटीना द्वारा विकसित कई कमर्शियल रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट (न्यूसैट 9-18) को भी ले गया है। यह उपग्रह जंगल तथा फसल की आग को ट्रैक करेगा।
  • यह अंतरिक्ष में टेराहर्टज़ तरंगों की प्रौद्योगिकी का परीक्षण करेगा तथा 6 G के ज़मीनी संचार नेटवर्क के साथ उपग्रह संचार नेटवर्क को सयोंजित करेगा। टेरा हर्ट्ज़ तरंगे एक उच्च आवृत्ति विकिरण है जिसमें डाटा एक सेकंड में 50 गीगाबिट्स की गति से ट्रेवल करता है।
  • ध्यातव्य है कि 6 G तकनीक अभी वास्तविकता से दूर है लेकिन चीनी इंजीनियरों के अनुसार यह उपग्रह विशिष्ट तरह की संचार तरंगों का सफल परीक्षण करेगा जिससे वर्तमान संचार तरंगों के प्रवाह की गति ( Streaming) 100 गुना तक बढ़ जाएगी।
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