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CURRENT AFFAIRS

अमेरिका  की  चाँद पर खनन योजना

23-Apr-2020

अप्रैल 2020 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सौरमंडल तथा चंद्रमा पर वाणिज्यिक खनन सम्बंधी एक आदेश पारित किया है। कुछ विवादस्पद पहलुओं  के कारण रूस ने अमेरिका के इस निर्णय का कड़ा विरोध किया। हालाँकि, अमेरिकी कांग्रेस ने वर्ष 2015 में एक अधिनियम पारित करके अंतरिक्ष खनन को मान्यता प्रदान की थी।

जलवायु परिवर्तन और जल

23-Apr-2020

संयुक्त राष्ट्र द्वारा विश्व जल विकास सम्बंधी रिपोर्ट जारी की गई है। विश्व जल दिवस का आयोजन प्रत्येक वर्ष 22 मार्च को किया जाता है।

भारत में सौर ऊर्जा: चुनौतियाँ व निवारण

22-Apr-2020

वर्तमान समय में देश की ऊर्जा मांग में लगभग 20 से 25% की गिरावट दर्ज की गई है। इस कारण विद्युत वितरण कम्पनियों (Distribution Company-DISCOM) के राजस्व पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति में संशोधन : कारण व प्रभाव

22-Apr-2020

हाल ही में, भारत सरकार ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति (FDI Policy) के कुछ प्रावधानों में संशोधन किया है।

एस.डी.आर का आवंटन और आई.एम.एफ.

21-Apr-2020

हाल ही में, वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि भारत आई.एम.एफ. द्वारा नए विशेष आहरण अधिकार (Special Drawing Rights-SDR) के आवंटन का समर्थन नहीं कर सकता क्योंकि ऐसा करना कोविड-19 द्वारा उत्पन्न वित्तीय दबावों को कम करने में प्रभावी नहीं होगा।

फ़ेक न्यूज़ का कृत्रिम रूप

21-Apr-2020

केन्द्र सरकार ने कोर्ट में कोरोना वायरस और इससे जुड़े मुद्दों से निपटने के लिये उठाए कदमों की जानकारी देते हुए हलफनामा दाखिल किया था।

दरबार मूव (Darbar Move)

21-Apr-2020

हाल ही में कोरोना वायरस महामारी के कारण केंद्र प्रदेश शासित जम्मू-कश्मीर में दरबार मूव की परम्परा को स्थगित कर दिया गया है।

भूमिगत जल और यूरेनियम संदूषण

20-Apr-2020

एक अध्ययन के अनुसार, बिहार के 10 जिलों में भूमिगत जल में यूरेनियम संदूषण की समस्या सामने आई है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन और वित्त पोषण

20-Apr-2020

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को उनके देश की ओर से दिये जाने वाली वित्तीय फंड में कमी करने की धमकी दी है।

इस्लामिक स्टेट : भारत के समक्ष चुनौतियाँ

19-Apr-2020

हाल ही में इस्लामिक स्टेट (आई.एस.) ने स्थानीय सहयोगी संगठनों को संगठित करके पुनः वैश्विक स्तर पर अपनी उपस्थिति दर्ज की है, चाहे वह श्रीलंका में ईस्टर संडे का हमला हो या हाल ही में अफगानिस्तान के गुरुद्वारे पर हमला। विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में आई.एस के स्लीपर सेल मौजूद हैं और ये कभी भी भारत में बड़े हमले कर सकते हैं। 



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