प्रारंभिक परीक्षा
(समसामयिक घटनाक्रम)
मुख्य परीक्षा
(सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2: भारतीय संविधान- ऐतिहासिक आधार, विकास, विशेषताएँ, संशोधन, महत्त्वपूर्ण प्रावधान एवं बुनियादी संरचना)
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संदर्भ
भारत सरकार ने देश के संविधान को अपनाने के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में वर्ष भर चलने वाले समारोह की शुरुआत की है। यह समारोह संविधान दिवस के अवसर पर 26 नवंबर, 2024 से शुरू हुआ। यह समारोह ‘हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान’ अभियान के तहत आयोजित किया जा रहा हैं।
संविधान दिवस, 2024 के बारे में
- शुरुआत : 19 नवंबर, 2015
- आयोजन : सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय
- उद्देश्य : नागरिकों के बीच संवैधानिक मूल्यों को बढ़ावा देना
- 26 नवंबर का महत्त्व : भारत की संविधान सभा द्वारा 26 नवंबर, 1949 को भारत के संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित एवं आत्मार्पित किया गया था।
- विशेष वेबसाइट (constitution75.com) : संविधान की विरासत से नागरिकों को परस्पर संवाद गतिविधियों एवं संसाधनों के माध्यम से जोड़ने के लिए एक समर्पित वेबसाइट constitution75.com का उद्घाटन किया गया।
- प्रस्तावना का पाठन : 26 नवंबर, 2024 को स्कूल, दफ्तर, शहरों से लेकर गांवों तक पूरे देश में लाखों लोगों ने एक साथ संविधान की प्रस्तावना का पाठन किया।
26 नवंबर, 2024 को संसद में उद्घाटित कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएँ
- भारतीय संविधान की महिमा, इसके निर्माण एवं ऐतिहासिक यात्रा को समर्पित लघु फिल्म की प्रस्तुति।
- भारत के संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ को समर्पित एक स्मारक सिक्का एवं डाक टिकट जारी।
- ‘भारत के संविधान का निर्माण: एक झलक’ और ‘भारत के संविधान का निर्माण एवं इसकी गौरवशाली यात्रा’ शीर्षक पुस्तकों का विमोचन।
- भारतीय संविधान का संस्कृत भाषा में विमोचन।
- भारतीय संविधान का मैथिली भाषा में विमोचन।
भारतीय संविधान के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य
- कुल अनुच्छेद : संविधान में मूल रूप से 395 अनुच्छेद थे, हालांकि वर्तमान में 106 संशोधनों के पश्चात अनुच्छेदों की संख्या 470 (किंतु संवैधानिक गणना में 395 ही है) हो गई है, जिन्हें 25 भागों (मूल रूप से 22) और 12 अनुसूचियों (मूल रूप से 8) में विभाजित किया गया है।
- संविधान निर्माण अवधि : 9 दिसंबर, 1946 से 26 नवंबर, 1949 तक (2 वर्ष, 11 माह एवं 18 दिन)
- पूर्ण रूप से संविधान लागू होने की तिथि : 26 जनवरी, 1950
- संविधान के जनक : डॉ. भीमराव अम्बेडकर
- संविधान के लेखक : प्रेम बिहारी नारायण रायज़ादा (हिंदी एवं अंग्रेजी में दो मूल प्रतिलिपियां)
- संविधान के चित्रकार : नंद लाल बोस
- मूल संरचना सिद्धांत की स्थापना : केशवानंद भारती वाद (1973)
- भारतीय संविधान सभा में मूलत: 15 महिलाएँ, 26 अनुसूचित जाति एवं 33 अनुसूचित जनजाति के सदस्य शामिल थे।
- बाद में 3 महिलाएँ पाकिस्तान चली गई थी।
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हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान अभियान के बारे में
- उद्घाटन : 24 जनवरी, 2024 को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा नई दिल्ली में।
- उद्देश्य : भारतीय समाज को आकार देने में संविधान के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना और नागरिकों को उनके कानूनी अधिकारों के बारे में शिक्षित करना।
- गणतंत्र के रूप में भारत के 75वें वर्ष के अवसर पर ‘हमारा संविधान, हमारा सम्मान’ अभियान वर्ष 2047 तक विकसित भारत की कल्पना का समर्थन करता है।
- यह नागरिकों को संवैधानिक मूल्यों को बनाए रखने, लोकतांत्रिक सिद्धांतों का सम्मान करने और देश के भविष्य को आकार देने वाली कानूनी एवं राजनीतिक प्रक्रियाओं में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करता है।
अभियान का लक्ष्य
- संविधान की जागरूकता बढ़ाना : यह अभियान नागरिकों को न्याय, समानता, स्वतंत्रता एवं बंधुत्व के मूल्यों को समझने में मदद करता है जिन्हें संविधान बढ़ावा देता है।
- क्षेत्रीय कार्यक्रमों, कार्यशालाओं एवं सेमिनारों के माध्यम से यह अभियान प्रत्येक पृष्ठभूमि के लोगों तक इस आवश्यक ज्ञान की पहुँच सुनिश्चित करेगा।
- कानूनी अधिकारों एवं कर्तव्यों को बढ़ावा देना : यह अभियान लोगों को भारतीय संविधान के तहत उनके कानूनी अधिकारों, कर्तव्यों एवं अधिकारों के बारे में शिक्षित करने के लिए बनाया गया है।
- उप-अभियान एवं विषयगत पहल : मुख्य अभियान के अतिरिक्त, संवैधानिक ज्ञान एवं लोकतांत्रिक भागीदारी के विशिष्ट पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए तीन प्रमुख उप-विषय शुरू किए गए :
- सबको न्याय, हर घर न्याय : यह उप-अभियान यह सुनिश्चित करने पर केंद्रित है कि न्याय हर नागरिक के लिए सुलभ हो। यह नागरिकों के लिए न्याय पाने के लिए मौजूद कानूनी तंत्रों के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देता है।
- नव भारत, नव संकल्प : इसका उद्देश्य नागरिकों के बीच संवैधानिक मूल्यों का सम्मान एवं संरक्षण करके प्रगतिशील व समावेशी राष्ट्र के निर्माण में योगदान देने के लिए नया संकल्प पैदा करना है।
- विधि जागृति अभियान : इसका उद्देश्य लोगों को, विशेषकर ग्रामीण एवं उपेक्षित क्षेत्रों में, उनके कानूनी अधिकारों और उन्हें प्राप्त करने के तरीकों के बारे में शिक्षित करना है, जिसमें सामाजिक कल्याण लाभ, सकारात्मक कार्रवाई नीतियां और उपेक्षित समुदायों के लिए कानूनी सुरक्षा शामिल है।
क्षेत्रीय कार्यक्रम
- इस अभियान के क्षेत्रीय कार्यक्रम की शुरुआत मार्च 2024 में बीकानेर में हुई थी, जिसका उद्घाटन तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने किया था।
- उसके बाद प्रयागराज और गुवाहाटी में क्षेत्रीय कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं।
- इन क्षेत्रीय कार्यक्रम का उद्देश्य विविध समुदायों को शामिल करना और पूरे भारत, विशेष रूप से पूर्वोत्तर में, संविधान की समझ को बढ़ावा देना है।
निष्कर्ष
हमारा संविधान, हमारा सम्मान संविधान में निहित न्याय, समानता एवं स्वतंत्रता के सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए भारत की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह अभियान न केवल कानूनी जागरूकता को बढ़ावा दे रहा है बल्कि गांव से लेकर शहरी केंदों तक हर नागरिक को उनके अधिकारों की रक्षा करने के साधनों के साथ सशक्त भी बना रहा है।