26-Apr-2020
वर्तमान में कोविड-19 महामारी के कारण वैश्विक स्तर पर खुली सीमाओं एवं अर्थव्यवस्थाओं का प्रतिरोध हो रहा है, यहाँ तक कि वैश्वीकरण को इस महामारी के फैलने का प्रमुख कारण माना जा रहा है।
26-Apr-2020
वर्तमान में, कोविड-19 महामारी के चलते विश्व भर में आर्थिक गतिविधियाँ ठप हैं, लगभग हर क्षेत्र में एक निराशाजनक वातावरण बना हुआ है। परंतु, इस निराशावादी माहौल में भी सोने के मूल्यों में निरंतर वृद्धि हो रही है, इसीलिये भारत सरकार द्वारा सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2020 की घोषणा की गई है।
25-Apr-2020
हाल ही में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (National Green Tribunal-NGT) ने एक समिति कोदिल्ली में भंडारित अपशिष्ट (Legacy waste) स्थलों या लैंडफिल साइट्स (कूड़े के ढेरों) को चिन्हित करने एवं रिपोर्ट सौंपने को कहा है।
25-Apr-2020
21 अप्रैल, 2020 को अमेरिका में कच्चे तेल के वायदा कारोबार में ऐतिहासिक गिरावट देखी गई। व्यापार के दौरान यह शून्य के स्तर से भी नीचे (– 37 डॉलर प्रति बैरल) चला गया।
24-Apr-2020
हाल ही में नागरिकता (संशोधन) कानून के विरोध और समर्थन में देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन हुए। साथ ही, कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन की ओट में हिंसात्मक गतिविधियों का सहारा लेकर सार्वजानिक संपत्ति को क्षति भी पहुँचाई गई।
24-Apr-2020
हाल ही में, इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन फंड (ICPF) की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में कोविड-19 महामारी के कारण लागू लॉकडाउन के दौरान चाइल्ड पोर्नोग्राफी सामग्री (Child Sexual Abuse Material-CSAM) की मांग में दोगुनी वृद्धि देखी गई है।
24-Apr-2020
हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिये लॉकडाउन और सामाजिक दूरी (Social Distancing) को वर्तमान समय में सबसे उपयुक्त ‘सोशल वैक्सीन’ बताया है।
23-Apr-2020
अप्रैल 2020 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सौरमंडल तथा चंद्रमा पर वाणिज्यिक खनन सम्बंधी एक आदेश पारित किया है। कुछ विवादस्पद पहलुओं के कारण रूस ने अमेरिका के इस निर्णय का कड़ा विरोध किया। हालाँकि, अमेरिकी कांग्रेस ने वर्ष 2015 में एक अधिनियम पारित करके अंतरिक्ष खनन को मान्यता प्रदान की थी।
23-Apr-2020
संयुक्त राष्ट्र द्वारा विश्व जल विकास सम्बंधी रिपोर्ट जारी की गई है। विश्व जल दिवस का आयोजन प्रत्येक वर्ष 22 मार्च को किया जाता है।
22-Apr-2020
वर्तमान समय में देश की ऊर्जा मांग में लगभग 20 से 25% की गिरावट दर्ज की गई है। इस कारण विद्युत वितरण कम्पनियों (Distribution Company-DISCOM) के राजस्व पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
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