केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने राष्ट्रीय जैविक उत्पादन कार्यक्रम के 8वें संस्करण का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु:
इस कार्यक्रम के दौरान जैविक संवर्धन पोर्टल का अनावरण किया।
यह जैविक हितधारकों के लिए अधिक दृश्यता और परिचालन में आसानी प्रदान करेगा।
ट्रेसनेट 2.0 का भी अनावरण किया गया।
यह निर्बाध संचालन के लिए उन्नत ऑनलाइन ट्रेसेबिलिटी सिस्टम है।
यह खेत से बाजार तक जैविक कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के लिए पारदर्शिता, पता लगाने की क्षमता और अनुपालन सुनिश्चित करेगा।
राष्ट्रीय जैविक उत्पादन कार्यक्रम (NPOP):
शुरूआत: वर्ष 2001 में
किसने शुरू किया: भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय ने
यह एक प्रमुख सरकारी कार्यक्रम है, जो भारत की जैविक प्रमाणन प्रणाली को मजबूत करता है।
यह टिकाऊ खेती के तरीकों को बढ़ावा देता है और किसानों और निर्यातकों के लिए नए अवसर खोलता है।
इसके उद्देश्य:
जैविक कृषि के लिए राष्ट्रीय मानक स्थापित करना।
जैविक उत्पादों की प्रमाणीकरण प्रक्रिया को पारदर्शी और विश्वसनीय बनाना।
घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार में जैविक उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देना।
पर्यावरण की रक्षा और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करना।
जैविक कृषि (Organic Farming):
यह एक प्राकृतिक कृषि प्रणाली है, जिसमें रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों और सिंथेटिक उत्पादों के उपयोग के बजाय जैविक और प्राकृतिक तरीकों से खेती की जाती है।
इसका उद्देश्य पर्यावरण को संरक्षित करना, मिट्टी की उर्वरता बढ़ाना और स्वस्थ एवं सुरक्षित खाद्य उत्पाद प्रदान करना है।
महत्वपूर्ण जानकारी:
सिक्किम भारत का पहला और दुनिया का एकमात्र ऐसा राज्य है जहां पूरी तरह से जैविक खेती होती है।
वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स लंदन ने सिक्किम को 'दुनिया का पहला जैविक राज्य' के रूप में मान्यता दी है।