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 ‘ए डिकेड ऑफ डोक्युमेंटिंग माइग्रेंट डेथ्स’ रिपोर्ट

प्रारंभिक परीक्षा – ए डिकेड ऑफ डोक्युमेंटिंग माइग्रेंट डेथ्स’ रिपोर्ट
मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-3

चर्चा में क्यों

अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) ने ‘ए डिकेड ऑफ डोक्युमेंटिंग माइग्रेंट डेथ्स’ शीर्षक से रिपोर्ट जारी की।

IOM

प्रमुख बिंदु 

  • यह रिपोर्ट अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) के मिसिंग माइग्रेंट्स प्रोजेक्ट (MMP) के दस साल पूरे होने के अवसर पर जारी की गई है।
  • मिसिंग माइग्रेंट्स प्रोजेक्ट (Missing Migrants Project) को वर्ष 2014 में लॉन्च किया गया था।
  • इसका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन के दौरान होने वाली प्रवासियों की मृत्यु और उनके लापता होने की घटनाओं को दर्ज करना है।
  • प्रत्येक तीन प्रवासियों (जिनके मूल देश की पहचान हो चुकी होती है) में से एक से अधिक प्रवासी संघर्ष से गुजर रहे देश के होते हैं।
  • जिन प्रवासियों की मृत्यु को IOM के मिसिंग माइग्रेंट्स प्रोजेक्ट के तहत दर्ज किया गया है, उनमें से दो-तिहाई की पहचान नहीं हो पाई है।
  • प्रवासन के दौरान मृत्यु के कारण हैं
    • किसी जल निकाय में डूबने से मृत्यु
    • वाहन दुर्घटनाएं
    • श्वसन के दौरान ईंधन की जहरीली गैस या धुएं से दम घुटना
    • आश्रय स्थल का न होना 
    • स्वास्थ्य देखभाल उपलब्ध न होना आदि।

MMP

दुनिया भर में प्रवास के दौरान मरने वाले लोगों की उत्पत्ति के देश और क्षेत्र:

  • पिछले दशक में मिसिंग माइग्रेंट्स प्रोजेक्ट (MMP) द्वारा 63,000 से अधिक प्रवासियों की मौतें दर्ज की गई हैं।
  • इनमे पहचाने गए लोगों में से तीन में से एक से अधिक अफगानिस्तान, म्यांमार, सीरियाई अरब गणराज्य और इथियोपिया सहित संघर्षरत देशों से आते हैं। 

Migrant

मृत्यु की रिपोर्ट करने वालों द्वारा उत्पत्ति का क्षेत्र:

  • मिसिंग माइग्रेंट्स प्रोजेक्ट (MMP) के रिकॉर्ड के अनुसार मृत्यु की रिपोर्ट करने वालों द्वारा उत्पत्ति का क्षेत्र में निर्दिष्ट किया जाता है, भले ही मूल देश अज्ञात हो।
  • पिछले दशक में यात्रा के दौरान 25,000 से अधिक अफ्रीकियों की मौत दर्ज की गई है।
  • इनमें से आधे से अधिक व्यक्ति लापता हैं और उन्हें मृत मान लिया गया है, जो अक्सर भूमध्य सागर,अटलांटिक या अदन की खाड़ी में बड़े जहाजों के डूबने के कारण हुए हैं। 

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दुनिया भर में प्रवास के दौरान मरने वाले प्रवासियों का लिंग और उम्र:

  • वर्ष 2014-2023 के प्रवास के दौरान जिन 63,000 लोगों की मृत्यु या गायब होने की सूचना दर्ज की गई, उनमें से 37,000 (59%) से अधिक व्यक्तियों की उम्र या लिंग के बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं है।
  • मिसिंग माइग्रेंट्स प्रोजेक्ट (Missing Migrants Project) डेटाबेस में 25,925 लोगों में से जिनके लिए कुछ जनसांख्यिकीय जानकारी उपलब्ध है, 17,100 से अधिक पुरुष थे, लगभग 5,500 महिलाएं थीं और 3,400 से अधिक बच्चे थे।

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प्रमुख चिंताएं:

  • पहला, जिन लोगों की मृत्यु का दस्तावेजीकरण किया गया उनमें से दो-तिहाई से अधिक अज्ञात हैं।
  • दूसरा, तीन में से एक से अधिक प्रवासी जिनके मूल देश की पहचान की जा सकती है, संघर्षरत देशों से आते हैं।
    • इसका तात्पर्य ऐसा करने के लिए सुरक्षित रास्ते के बिना संघर्ष के क्षेत्रों को छोड़ने का प्रयास है।
  • तीसरा, प्रवासन के दौरान दर्ज की गई लगभग 60 प्रतिशत मौतें डूबने से जुड़ी हैं।

अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM):

  • इसकी स्थापना वर्ष 1951 में हुई थी। 
  • यह व्यवस्थित प्रवासन को बढ़ावा देने वाले अग्रणी अंतर-सरकारी संगठन के रूप में संयुक्त राष्ट्र प्रणाली का हिस्सा है।
  • इसका मुख्यालय जिनेवा (स्विट्जरलैंड) में है।
  •  भारत सहित 175 देश इसके सदस्य हैं।

कार्य :

  • IOM प्रवासन प्रबंधन के चार व्यापक क्षेत्रों में कार्य करता है:
  • प्रवासन एवं विकास
  • प्रवासन को सुगम बनाना
  • प्रवासन को विनियमित करना
  • जबरन पलायन
  • इन क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय प्रवासन कानून को बढ़ावा देना, नीतिगत बहस और मार्गदर्शन प्रदान करना, प्रवासियों के अधिकारों की सुरक्षा, प्रवासन स्वास्थ्य और प्रवासन के लिंग आयाम को शामिल करता है।

 प्रवासन:

  •  जब व्यक्ति किन्हीं वजहों से अपने पारंपरिक निवास से किसी अन्य देश में या अपने ही देश में किसी अन्य जगह रहने के लिए चला जाता है, तो उसे प्रवासन कहते हैं।

प्रवासन के कारण:

  • शहरीकरण
  • विवाह
  • आर्थिक असमानताएं
  • राजनीतिक अस्थिरता
  • जलवायु परिवर्तन के प्रभाव आदि।

प्रवासन के प्रभाव:

  • अलग-अलग संस्कृतियों के लोग एक ही जगह बस जाते हैं। इससे सामासिक संस्कृति (Composite culture) का विकास होता है।
  • शहरों में अत्यधिक भीड़-भाड़ बढ़ जाती है। इससे शहरों का अनियमित विकास होता है और मलिन बस्तियां बसने लगती हैं।
  • प्रति व्यक्ति संसाधन अनुपात कम हो जाता है।
  • प्रतिभा का पलायन होता है।
  • कुशल लोग बेहतर आर्थिक अवसरों की खोज में गरीब देशों से विकसित देशों की ओर पलायन कर जाते हैं।

प्रवासन से संबंधित मुख्य पहलें:

 वैश्विक पहलें:

  • सुरक्षित, व्यवस्थित और नियमित प्रवासन के लिए ग्लोबल कॉम्पैक्ट

(Global Compact FOR Migration): 

  • यह प्रवासन के मामले में संयुक्त राष्ट्र के अंतर्गत तैयार किया गया पहला अंतर-सरकारी समझौता है।
  • यह समझौता अंतरर्राष्ट्रिीय प्रवासन के सभी पहलुओं को समग्र रूप से शामिल करता है।

 भारत सरकार की पहलें:

  • जिन देशों में प्रवासी भारतीय रह रहे हैं, उनके लिए प्रवासी भारतीय बीमा योजना जैसे कई कल्याणकारी उपाय शुरू किए गए हैं।
  • प्रवासियों को प्रस्थान-पूर्व ओरिएंटेशन प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।
    • इसका उद्देश्य विदेशों में प्रवासी भारतीयों को बेहतर जीवन यापन में मदद करना तथा उनके अधिकारों, कर्तव्यों आदि के बारे में जागरुक करना है।

प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।

  1. अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) ने ‘ए डिकेड ऑफ डोक्युमेंटिंग माइग्रेंट डेथ्स’ शीर्षक से रिपोर्ट जारी की।
  2. इसका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन के दौरान होने वाली प्रवासियों की मृत्यु और उनके लापता होने की घटनाओं को दर्ज करना है।
  3. अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) की स्थापना वर्ष 1951 में हुई थी। 

उपर्युक्त में से कितना/कितने कथन सही है/हैं?

 (a) केवल एक 

(b) केवल दो 

 (c) सभी तीनों 

(d)  कोई भी नहीं 

उत्तर: (c)

मुख्य परीक्षा प्रश्न: ए डिकेड ऑफ डोक्युमेंटिंग माइग्रेंट डेथ्स’ रिपोर्ट के संदर्भ में प्रवासन के कारणों का उल्लेख करते हुए इसके प्रभावों को रेखांकित कीजिए।

 स्रोत:  International Organization for Migration (IOM)

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