- हाल ही में केरल में इडुक्की जिले के कुलमावु में ध्वनिक लक्षण वर्णन और मूल्यांकन के लिए एक अत्याधुनिक सबमर्सिबल प्लेटफॉर्म {Submersible Platform for Acoustic Characterisation and Evaluation} (SPACE)का उद्घाटन किया।
- इसे भारतीय नौसेना के लिए निर्धारित सोनार प्रणालियों के लिए एक प्रमुख परीक्षण और मूल्यांकन केंद्र के रूप में डिजाइन किया गया है।
- इसमें दो अलग-अलग संयोजन शामिल होंगे-
- एक प्लेटफ़ॉर्म जो पानी की सतह पर तैरता है
- एक सबमर्सिबल प्लेटफ़ॉर्म जिसे विंच सिस्टम का उपयोग करके 100 मीटर गहराई तक उतारा जा सकता है।
- इस का उपयोग मुख्य रूप से संपूर्ण सोनार प्रणाली के मूल्यांकन के लिए किया जाएगा
सोनार प्रणाली
- सोनार का पूरा नाम साउंड नेविगेशन एंड रेंजिंग है।
- यह एक ऐसी तकनीक है जो पानी के भीतर वस्तुओं का पता लगाने और उनसे दूरी मापने और समुद्र तल का नक्शा बनाने के लिए ध्वनि तरंगों का उपयोग करती है
- सोनार का उपयोग जहाजों, पनडुब्बियों और अन्य पानी के नीचे के वाहनों द्वारा अन्य जहाजों, बाधाओं और पानी के नीचे की विशेषताओं को नेविगेट करने और पता लगाने के लिए किया जाता है।
- इसका उपयोग समुद्री पर्यावरण का अध्ययन करने और वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए भी किया जा सकता है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (Defence Research and Development Organisation- DRDO)
- यह भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के अधीन कार्य करता है।
- यह भारतीय सेना की रक्षा जरूरतों के अनुसार विश्व स्तरीय हथियार और यंत्र का निर्माण करता है।
- स्थापना - वर्ष 1958
- मुख्यालय - नई दिल्ली