चर्चा में क्यों
जॉर्डन व फ्रांसीसी पुरातत्वविदों के एक समूह ने जॉर्डन के पूर्वी रेगिस्तान में एक सुदूर नवपाषाण स्थल पर लगभग 9,000 वर्ष प्राचीन एक पवित्र स्थल की खोज की है।
प्रमुख बिंदु
- इस अनुष्ठान परिसर को एक नवपाषाणकालीन शिविर में बड़ी संरचनाओं के समीप पाया गया है, जिसे ‘रेगिस्तानी पतंग’ या सामूहिक जाल के रूप में जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इसका उपयोग वध करने के लिये जंगली चिड़ियों को पालने हेतु किया गया होगा।
- इस तरह की संरचना में दो या दो से अधिक लंबी पत्थर की दीवारें एक बाड़े की ओर मिलती हैं, जो मध्य पूर्व रेगिस्तान में बिखरी हुई पाई गई हैं। यह स्थल इसकी संरक्षण स्थिति के कारण अद्वितीय है।
- इस स्थल के भीतर दो नक्काशीदार खड़े पत्थर थे, जिनमें एंथ्रोपोमोर्फिक आकृतियाँ थीं। इनमें ‘रेगिस्तानी पतंग’ के प्रतिनिधित्व के साथ-साथ एक वेदी, चूल्हा, समुद्री शैल और गज़ेल ट्रैप के लघु मॉडल शामिल थे।
- यह पवित्र स्थल अब तक अज्ञात नवपाषाण काल की आबादी के प्रतीकवाद, कलात्मक अभिव्यक्ति तथा आध्यात्मिक संस्कृति पर प्रकाश डालता है।