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कुष्ठ रोग के लिए एक नई उपचार व्यवस्था

प्रारंभिक परीक्षा –  कुष्ठ रोग(Leprosy)
मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-2 

संदर्भ 

  • केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कुष्ठ रोग के लिए एक नई उपचार व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है।
  • जिसका उद्देश्य वर्ष 2027 तक कुष्ठ रोग को फैलने पर अंकुश लगाना है।

HEALTH-WELFARE

प्रमुख बिंदु 

  • स्वास्थ्य मंत्रालय ने पॉसी-बैसिलरी (Pauci-Bacillary,PB) मामलों के लिए छः महीने के लिए तीन दवा व्यवस्था शुरू करने का निर्णय लिया है।
  • इसमें WHO से अनुशंसित उपचार वाली तीन दवाओं में हैप्सोन, रिफैम्पिसिन और क्लोफाजिमिन शामिल है।
  • इसे मल्टी-ड्रग थेरेपी(MDT) कहा जाता है।
  • राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र में स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय का कहना है कि राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत इसे फैलने से रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
  • इसके लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कुष्ठ रोगियों के लिए मल्टी-ड्रग थेरेपी से उपचार के लिए कदम उठाया है।
  • यह कदम ‘नवीनतम, विश्व स्तर पर स्वीकृत वैज्ञानिक अनुसंधान अध्ययनों और साक्ष्य-आधारित प्रथाओं का पालन करता है।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) एक अप्रैल 2025 से संशोधित दवा की आपूर्ति के लिए सहमत हो गया है
  • इसलिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से केंद्र सरकार ने कहा है कि वे समय सीमा से 12 महीने पहले कुष्ठ रोग रोधी दवाओं की अपनी मांग भेजें।
  • भारत में कुष्ठ रोग का संशोधित वर्गीकरण और पीबी और मल्टी-बैसिलरी (MB) मामलों के लिए उपचार व्यवस्था को 1 अप्रैल, 2025 से ही लागू किया जाएगा।

कुष्ठ रोग(Leprosy)

Leprosy
HANSEN-DISEASES

  • कुष्ठ रोग एक दीर्घकालिक(Chronic) संक्रामक रोग है।
  • यह माइकोबैक्टीरियम लेप्री बैक्टीरिया के कारण होता है।
  • यह नसों, त्वचा, आंखों और नाक की परत (नाक म्यूकोसा) को प्रभावित कर सकता है।
  • यह अनुपचारित रोगी के निकट और लगातार संपर्क में रहने पर उस रोगी के नाक और मुंह से निकली बूंदों के माध्यम से संक्रमण होता है।
  • उपचार न किए जाने पर यह स्थायी विकलांगता का कारण बन सकता है।
  • कुष्ठ रोग त्वचा पर अल्सर, तंत्रिका क्षति और मांसपेशियों में कमजोरी पैदा करता है।

कुष्ठ रोग का इलाज

  • बहु-औषधीय (multidrug) उपचार से इसका इलाज किया जा सकता है।
  • उपचार की दृष्टि से कुष्ठ रोग के मामलों को दो श्रेणियों में बांटा गया है
  • प्रथम पॉसी-बैसिलरी (PB) मामलों में रोगी के शरीर में लेप्री जीवाणुओं की संख्या काफी कम होती है।
  • द्वितीय मल्टी-बैसिलरी (MB) मामलों में रोगी के शरीर में लेप्री जीवाणुओं की संख्या काफी अधिक होती है।

Types-of-Leprosy

कुष्ठ रोग के उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रमः

  • यह राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत एक केंद्र प्रायोजित योजना है।
  • निकुष्ठ 2.0 पोर्टल कुष्ठ रोग के मामलों के प्रबंधन के लिए एक एकीकृत पोर्टल है।

भारत में कुष्ठ रोग की स्थिति:

  • वर्ष 2005 में भारत को ‘कुष्ठ रोग उन्मूलन’ घोषित किए जाने के बावजूद, दुनिया के नए कुष्ठ रोगियों में से आधे से अधिक (52%) देश में अभी भी हैं।
  • अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मध्य प्रदेश, गुजरात, दादरा नगर हवेली और दमन दीव में एक या एक से अधिक जिले (कुल 82 जिले) हैं, जहां अभी तक कुष्ठ रोग उन्मूलन नहीं हुआ है।
  • भारत द्वारा इस रोग के उन्मूलन की घोषणा WHO के मानदंड के अनुसार थी।
  • WHO  के अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर प्रति 10,000 जनसंख्या पर 1 मामले से भी कम होना चाहिए।
  • राष्ट्रीय स्तर पर प्रसार दर वर्ष 2014-15 में 0.69 प्रति 10,000 जनसंख्या की तुलना में वर्ष 2021-22 में घटकर 0.45 प्रति 10,000 जनसंख्या रह गई है।
  • वर्ष 2022 में 182 देशों में कुष्ठ रोग के 1,65,459 मामले और 1,74,087 नए मामले दर्ज किए गए।

NLEP के तहत प्रमुख पहल :

  • उच्च स्थानिक जिलों(High Endemic Districts) में कुष्ठ रोग के मामले का पता लगाने का अभियान (Leprosy Case Detection Campaign)
  • मामले का पता लगाने के लिए कम स्थानिक जिलों में केंद्रित कुष्ठ रोग अभियान (Focused Leprosy Campaigns,FLC)
  • कुष्ठ रोग के संदिग्धों के लिए आशा आधारित निगरानी (ASHA-based surveillance (ABSULS)।
  • प्रत्येक वर्ष 30 जनवरी को कुष्ठ रोग जागरूकता अभियान।
  • ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में सक्रिय मामले का पता लगाना और निगरानी करना।

World-Leprosy-day

प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।

  1. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कुष्ठ रोग के लिए एक नई उपचार व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है, जिसका उद्देश्य वर्ष 2027 तक कुष्ठ रोग को फैलने पर अंकुश लगाना है।
  2. कुष्ठ रोग एक  संक्रामक रोग है एवं यह माइकोबैक्टीरियम लेप्री बैक्टीरिया के कारण होता है।
  3. निकुष्ठ 2.0 पोर्टल कुष्ठ रोग के मामलों के प्रबंधन के लिए एक एकीकृत पोर्टल है।

उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं ?

(a) केवल एक 

(b) केवल दो 

 (c) सभी तीनों 

(d)  कोई भी नहीं 

उत्तर: (c)

मुख्य परीक्षा प्रश्न : कुष्ठ रोग के नई उपचार विधि की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।

स्रोत :the hindu

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