जापानी गणितज्ञ मसाकी काशीवारा को इस वर्ष का एबेल पुरस्कार प्रदान किया गया।
मसाकी काशीवारा का योगदान:
काशीवारा को बीजगणितीय विश्लेषण और प्रतिनिधित्व सिद्धांत में उनके मौलिक योगदान, विशेष रूप से डी-मॉड्यूल के सिद्धांत के विकास और क्रिस्टल बेस की खोज के लिए सम्मानित किया गया।
क्रिस्टल बेस की खोज – इससे गणितज्ञों को जटिल गणनाओं को सरल ग्राफ़ के रूप में बदलने में मदद मिली, जिससे गणितीय सिद्धांतों की समझ और गणना में क्रांतिकारी सुधार हुआ।
एबेल पुरस्कार:
एबेल पुरस्कार गणित में अग्रणी वैज्ञानिक उपलब्धियों को मान्यता देता है।
यह नॉर्वे सरकार की ओर से नॉर्वेजियन एकेडमी ऑफ साइंस एंड लेटर्स द्वारा प्रदान और प्रशासित किया जाता है।
इसका नाम नॉर्वेजियन गणितज्ञ नील्स हेनरिक एबेल (1802-1829) के नाम पर रखा गया है।
इस पुरस्कार की स्थापना नॉर्वे की संसद ने 2002 में एबेल की 200वीं वर्षगांठ पर की थी।
यह पुरस्कार पहली बार 2003 में दिया गया था और इसे नोबेल पुरस्कार के बराबर माना जाता है।
पुरस्कार में 7.5 मिलियन क्रोनर (लगभग 720,000 डॉलर) की धनराशि और नॉर्वेजियन कलाकार हेनरिक हौगन द्वारा डिजाइन की गई एक ग्लास पट्टिका शामिल होती है।
प्रश्न. वर्ष 2025 का एबेल पुरस्कार किसे प्रदान किया गया?