New
IAS Foundation New Batch, Starting from 27th Aug 2024, 06:30 PM | Optional Subject History / Geography | Call: 9555124124

अदिति ऊर्जा सांच (ADITI Urja Sanch)

  • केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिक मंत्रालय तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने ईको-फ्रेंडली, कुशल व डाइ-मिथाइल ईथर (DME) द्वारा संचालित ‘अदिति ऊर्जा सांच’ यूनिट का एन.सी.एल. (नेशनल केमिकल लेबोरेट्री) पुणे में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये उद्घाटन किया गया है। साथ ही, घरेलू ईंधन के रूप में प्रयोग किये जाने वाले डी.एम.ई.- एल.पी.जी. मिश्रित विशेष बर्नर यूनिट को भी लॉन्च किया गया, जिसे सी.एस.आई.आर.- एन.सी.एल. परिसर को ट्रायल के लिये सौंपा गया है।
  • सी.एस.आई.आर.- एन.सी.एल. ने 20-24 किग्रा. प्रतिदिन की क्षमता वाले स्वच्छ और किफ़ायती ईंधन ‘डी.एम.ई.’ का पहला पायलट प्लांट विकसित किया है। इससे ‘मेक इन इंडिया' अभियान को बढ़ावा मिलेगा।
  • डी.एम.ई. का घनत्व एल.पी.जी. से अलग होता है इसलिये पारम्परिक एल.पी.जी. बर्नर डी.एम.ई. के लिये उपयुक्त नहीं होते हैं। एन.सी.एल. द्वारा बनाया गया नया बर्नर डी.एम.ई.- एल.पी.जी. मिश्रित और एल.पी.जी. दहन के लिये डिज़ाइन किया गया है।
  • नया डिज़ाइन वायु के आवागमन तथा दहन हेतु ऑक्सीजन लेने के लिये उपयुक्त है, जो एल.पी.जी. के साथ मिश्रित 30% या ईंधन के रूप में 100% डी.एम.ई. के साथ जल सकता है। इस पर रखे जाने वाले बर्तन पर लगने वाली लौ को (उच्च, निम्न और मध्यम) ऑक्सीजन के जरिये समायोजित करके इसके ताप को ट्रांसफर किया जा सकता है। यह पारम्परिक बर्नर की तुलना में 10-15% अधिक प्रभावी है।
  • ध्यातव्य है कि डी.एम.ई. एक अति स्वच्छ ईंधन है, जो राष्ट्र के लिये ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित कर सकता है।
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR