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विश्वविद्यालयों में अर्द्धवार्षिक आधार पर प्रवेश

(प्रारंभिक परीक्षा : समसामयिक राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रम)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र- 2 : स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास एवं प्रबंधन से संबंधित विषय)

संदर्भ 

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के अनुसार, भारतीय विश्वविद्यालयों एवं उच्च शिक्षा संस्थानों (Higher Education Institutes : HEIs) को अब विदेशी विश्वविद्यालयों के आधार पर वर्ष में दो बार (Biannual) प्रवेश देने की अनुमति प्रदान की जाएगी।

विश्वविद्यालयों में वर्ष में दो बार प्रवेश चक्र

  • वर्ष 2024-25 शैक्षणिक सत्र से विश्वविद्यालयों एवं उच्च शिक्षा संस्थानों में दो प्रवेश चक्र ‘जुलाई-अगस्त’ और ‘जनवरी-फरवरी’ होंगे।
  • हालांकि, विश्वविद्यालयों को वर्ष में दो बार प्रवेश देना अनिवार्य नहीं होगा। जिन HEIs के पास आवश्यक बुनियादी ढाँचा एवं शिक्षण संकाय हैं वे ऐसा कर सकते हैं।

इस निर्णय से होने वाला लाभ 

  • वर्ष में दो बार प्रवेश से HEIs को अपने संसाधनों, जैसे- संकाय, प्रयोगशाला, कक्षाएँ एवं सहायक सेवाओं के वितरण की योजना अधिक कुशलतापूर्वक बनाने में मदद मिलेगी, जिसके परिणामस्वरूप विश्वविद्यालय के भीतर बेहतर कार्यात्मक प्रवाह होगा।
  • भारतीय विश्वविद्यालओं द्वारा वर्ष में दो बार प्रवेश देने से उन छात्रों को लाभ होगा, जो छात्र बोर्ड परीक्षा के नतीजों की घोषणा में विलंब, स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं या व्यक्तिगत कारणों से जुलाई-अगस्त सत्र में विश्वविद्यालय में प्रवेश लेने से चूक गए थे।
  • इस व्यवस्था से यदि छात्र वर्तमान चक्र में प्रवेश से चूक जाते हैं तो उन्हें प्रवेश के लिए वर्षभर इंतजार नहीं करना पड़ेगा और उनका अकादमिक सत्र (समय) बर्बाद होने से बच जाएगा। 
  • इस प्रवेश व्यवस्था के तहत रोजगार प्रदाता उद्योग क्षेत्र वर्ष में दो बार कैंपस भर्ती भी कर सकते हैं, जिससे स्नातकों के लिए रोजगार के अवसरों में सुधार होगा।

वैश्विक शैक्षिक मानकों के अनुरूप

  • दुनिया भर के विश्वविद्यालय पहले से ही वर्ष में दो बार प्रवेश प्रणाली का पालन कर रहे हैं।
  • यदि भारतीय उच्च शिक्षा संस्थान अर्द्धवार्षिक प्रवेश चक्र को अपनाते हैं, तो भारतीय उच्च शिक्षा संस्थान अपने अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और छात्र आदान-प्रदान में वृद्धि कर सकते हैं। 
  • इससे भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार होगा और हम वैश्विक शैक्षिक मानकों के अनुरूप होंगे।

संबंधित सुधार की आवश्यकता

  • यदि उच्च शिक्षा संस्थान अर्द्धवार्षिक प्रवेश प्रणाली अपनाते हैं तो उन्हें प्रशासनिक चुनौतियों एवं उपलब्ध संसाधनों के बेहतर उपयोग के लिए बेहतर योजना बनाने और वर्ष के अलग-अलग समय में प्रवेश लेने वाले छात्रों के सुचारू संक्रमण के लिए निर्बाध सहायता प्रणाली प्रदान करने पर काम करने की आवश्यकता है। 
  • उच्च शिक्षा संस्थान द्विवार्षिक प्रवेश की उपयोगिता को तभी अधिकतम कर सकते हैं, जब वे संकाय सदस्यों, कर्मचारियों एवं छात्रों को संक्रमण के लिए पर्याप्त रूप से तैयार करें।
  • वर्ष में दो बार छात्रों को प्रवेश देने में सक्षम होने के लिए HEIs को अपने संस्थागत नियमों में उपयुक्त संशोधन करना होगा।
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