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IAS Foundation New Batch, Starting from 27th Aug 2024, 06:30 PM | Optional Subject History / Geography | Call: 9555124124

अफ्रीकी स्वाइन फीवर

SWINE

चर्चा में क्यों ?

  • पशुपालन और पशु चिकित्सा विभाग के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2024 में अब तक मिजोरम में अफ्रीकी स्वाइन बुखार से 3,350 से अधिक सूअर मर चुके हैं 

अफ्रीकी स्वाइन फीवर रोग

  • यह रोग घरेलू और जंगली सूअरों में होने वाली एक संक्रामक बीमारी है।
  • इसे रक्तस्रावी वायरल बीमारी भी कहते है
  • यह पहली बार वर्ष 1920 में अफ्रीका में देखा गया था।
  • लक्षण 
    • बुखार
    • भूख की कमी 
    • आंखों की श्लेष्म झिल्ली में सूजन 
    • लाल त्वचा 
    • दस्त और उल्टी 
  • यह निम्नलिखित माध्यमों से फैल सकता है:
    • संक्रमित जानवरों के साथ सीधा संपर्क
    • संक्रमित पशुओं से प्राप्त उत्पादों के सेवन, दूषित कपड़ों, वाहनों या उपकरणों के संपर्क के माध्यम से अप्रत्यक्ष संपर्क
  • इसमें मृत्यु दर लगभग 95-100% है।
  • इसमे बुखार का कोई इलाज़ नहीं है, इसलिये इसके प्रसार को रोकने का एकमात्र तरीका जानवरों को मारना है।
  • भारत में इसकी पुष्टि सबसे पहले वर्ष 2020 में अरुणाचल प्रदेश और असम में हुई थी 
  • यह मानव स्वास्थ्य के लिए कोई ख़तरा नहीं है।
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