(प्रारंभिक परीक्षा : राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ)
चर्चा में क्यों
हाल ही में, भारत ने परमाणु-सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-V का सफल परीक्षण किया। यह मिसाइल 5,000 कि.मी. तक के लक्ष्य को भेदने में सक्षम है।
प्रमुख बिंदु
- इस मिसाइल का परीक्षण ओडिशा तट के निकट ए.पी.जे. अब्दुल कलाम द्वीप से किया गया।
- इस मिसाइल की ऊंचाई 17 मीटर है और यह परमाणु-सक्षम मिसाइल है। यह तीन चरण के ठोस-ईंधन वाले इंजन का उपयोग करती है।
- अग्नि-5 परियोजना का उद्देश्य चीन के खिलाफ भारत की परमाणु प्रतिरोधक क्षमता का विस्तार करना है।
- उल्लेखनीय है कि चीन के पास डोंगफेंग-41 जैसी मिसाइल हैं, जो 12,000-15,000 किमी. तक के लक्ष्य भेदने में सक्षम हैं।
अग्नि सीरीज की मिसाइलें
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मिसाइल
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रेंज
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अग्नि-I
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700-800 किमी.
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अग्नि-II
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2000 किमी. से अधिक
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अग्नि-III
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2,500 किमी. से अधिक
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अग्नि-IV
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3,500 किमी. से अधिक
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अग्नि-V
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5,000 किमी. से अधिक (ICBM)
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विकास
- अग्नि मिसाइलों का विकास डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम की अगुवाई में एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम (IGMDP) के तहत किया गया है। भारत सरकार ने इसे वर्ष 1983 में अनुमोदित किया था।
- भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा इस श्रृंखला की मिसाइलों का विकास किया गया है।
- एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम के तहत 5 मिसाइलों का विकास किया गया है-
- पृथ्वी : यह कम दूरी की सतह-से-सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है।
- अग्नि : इसमें भिन्न-भिन्न रेंज वाली 5 बैलिस्टिक मिसाइलें शामिल हैं।
- त्रिशूल : यह कम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है।
- नाग : यह तीसरी पीढ़ी की टैंक-रोधी मिसाइल है।
- आकाश : यह मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है।