चर्चा में क्यों:
इसरो ने 'गगनयान' मिशन के लिए ऑस्ट्रेलिया की स्पेस एजेंसी के साथ समझौता किया है।
प्रमुख बिंदु:
- इसरो ने अंतरिक्ष गतिविधियों में सहयोग को और मजबूत करने के लिए ऑस्ट्रेलियाई अंतरिक्ष एजेंसी (एएसए) के साथ एक कार्यान्वयन समझौते (आईए) पर हस्ताक्षर किए हैं।
- यह समझौता देश के पहले मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम, गगनयान मिशन के लिए दोनों अंतरिक्ष एजेंसियों के बीच चालक दल और चालक दल मॉड्यूल से जुड़े सहयोग को सक्षम बनाएगा।
क्या है गगनयान मिशन?
- यह भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन है।
- इस मिशन के तहत 3 लोगों के दल को 3 दिन के लिए अंतरिक्ष में भेजा जाएगा।
- यह मिशन पृथ्वी से 300-400 किमी. की ऊँचाई पर पृथ्वी का चक्कर लगाएगा।
- इसके बाद इस दल को सुरक्षित पृथ्वी पर वापस लाया जाएगा।
- इसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा वर्ष 2025 में लॉन्च किए जाने की योजना है।
- इसका उद्देश्य पृथ्वी की निचली कक्षा (LEO) में मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन शुरू करने के लिए स्वदेशी क्षमता का प्रदर्शन करना है।
पृथ्वी की निचली कक्षा (LEO):
- यह अंतरिक्ष का वह क्षेत्र है, जहां उपग्रह पृथ्वी की सतह के सबसे निकट परिक्रमा करते हैं।
- इसे समान्यतः पृथ्वी से 160 से 2,000 किमी के बीच माना जाता है।
- वायुमंडलीय खिंचाव के कारण उपग्रह 160 किमी से नीचे की परिक्रमा नहीं करते हैं।
- इसमें उपग्रहों की कक्षीय अवधि 90 मिनट से 2 घंटे के बीच होती है।
- ये आकार में गोलाकार या अण्डाकार हो सकती है।
- इस कक्षा में दूरसंचार, तस्वीरें लेने वाले, जासूसी जैसे कार्यों से संबंधित उपग्रह लांच किए जाते हैं।
- हबल स्पेस टेलीस्कोप, अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन आदि इसी कक्षा में स्थापित हैं।
प्रश्न. 'गगनयान' मिशन के सन्दर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
- इसके लिए ISRO ने ऑस्ट्रेलिया के साथ समझौता किया है।
- यह भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन है।
- इसके तहत 5 लोगों के दल को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं
|