संदर्भ
वित्तीय वर्ष 2021-22 के आर्थिक सर्वेक्षण में विकास दर को बढ़ावा देने वाले कई पहलुओं के बारे में बताया गया है। इसमें ग्रामीण और कृषि विकास के लिये वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता, कृषि संबंधी सुविधाओं और सेवाओं तकपहुँच, बीमा कवरेज एवं जोखिम कम करने से जुड़ी सुविधाओं का विस्तार, उत्पादों के विपणन आदि पर बल दिया गया है।
बजटीय घोषणाएँ
- कृषि आधारित ग्रामीण आर्थिक विकास को गति देने के लिये बजट 2022-23 में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के दो विभागों को 1,32,513.62 करोड़ रुपए आवंटित किये गए हैं।
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 2022-23 में 65 लाख किसानों और 2 करोड़ हेक्टेयर में मौजूद फसलों को इसके दायरे में शामिल किया जाएगा।
- इसके अलावा प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत 68,000 करोड़ रुपए खर्च किये जायेंगे, इसका लाभ 67 लाख किसानों को मिलेगा।
- किसान उत्पादक संगठनों और कृषि आधारभूत संरचना फण्ड के लिये बजट में 500-500 करोड़ रुपए आवंटित किये गए हैं, ताकि कर्ज़ की उपलब्धता बढ़ सके और ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि आधारित आधारभूत संरचना का निर्माण हो सके।
कृषि में तकनीक को बढ़ावा
- किसान सारथी डिजिटल प्लेटफार्म की मदद से जहाँ किसानों को सही कीमतहासिल करने और अपने उत्पादों को नियंत्रण और बिना नियंत्रण वाले बाज़ारों में स्थापित करने में मदद मिलेगी, वहीं ड्रोन आधारित निगरानी और आकलन की तकनीक से खेती के तौर-तरीकों और उपज में भी बेहतरी आएगी।
- बजट के तहत कुल 63,000 प्राथमिक कृषि ऋण समितियों को डिजिटाइज करने के लिये 350 करोड़ रुपए आवंटित किये गए हैं। इस योजना का उद्देश्य सामुदायिक मालिकानाहक वाली और लोकतांत्रिक तरीके से चलने वाली सहकारी समितियों का कंप्यूटरीकरण करना है, ताकि इन समितियों का संचालन एवं प्रदर्शन बेहतर हो सके और वित्तीय लेन-देन में अधिकतम पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित हो सके।
निष्कर्ष
- इस बजट का उद्देश्य कृषि क्षेत्र के लिये स्टार्टअप संस्कृति कोविकसित कर शोध और नवाचार के क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने पर ध्यान केंद्रित करना है। सरकार का लक्ष्य कृषि मूल्य श्रृंखलाओं के लिये आधारभूत संरचना में बेहतरी, किसान उत्पादक संगठनों का एकीकरण और स्टार्टअप्स के जरिये कृषि तकनीक से संबंधित निजी क्षेत्र के भागीदारों को बेहतर विकल्प मुहैया कराना है।
- साथ ही, फसलों के उत्पादन, निगरानी और आकलन के लिये ड्रोन तकनीक इस्तेमाल को आसान बनाना, ज्वार बाजरा जैसे पोषण से भरपूर अनाजों को बढ़ावा देना और फसलों का विविधीकरण सुनिश्चित करना है।
- कृषि लॉजिस्टिक्स, कृषि सेवाओं में पर्याप्त निवेश और कृषि आधारित गतिविधियों के लिये सहयोग मुहैया कराए जाने से लॉजिस्टिक्स की समस्याओं से निपटने में मदद मिलेगी।मसलन कृषि उत्पाद, भंडारण, आपूर्ति श्रंखलाओं से जुड़ी समस्याओं को दूर किया जा सकेगा।
- साथ ही, बजट में किये गए उपायों से कृषि बाज़ार के उदारीकरण और उससे जुड़ी चुनौतियों को दूर किया जा सकेगा। इस तरह कृषि को और बेहतर और प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद मिलेगी। बजट में सार्वजनिक निजी और सामुदायिक हिस्सेदारी के जरिये निवेश के नए अवसर पैदा करने की बात भी कही गई है।
- इसके अलावा, ग्रामीणों की आधारभूत संरचना तैयार करने, विभिन्न मंत्रालयों और विभागों की योजनाओं के एकीकरण एवं सम्मिलनका भी प्रस्ताव है ताकि ग्रामीण विकास, भूमि, कृषि और किसानों के कल्याण के लिये उचित माहौल उपलब्ध हो सके।