चर्चा में क्यों
हाल ही में, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के 2 सितंबर के आँकड़ों के अनुसार मानसून के अंतिम चरण में होने के बावजूद उत्तर भारत में धान की बुवाई में कमी आई है।
धान क्षेत्र
- नवीनतम आँकड़ों के अनुसार विगत वर्ष की तुलना में धान के रकबे में 22.90 लाख हेक्टेयर की कमी आई है। यह क्षेत्रफल वर्ष 2021 की तुलना में 5.6% कम है।
- बुवाई क्षेत्रफल में सर्वाधिक कमी झारखंड में देखी गई है। कमी वाले अन्य राज्य मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और बिहार हैं।
- इसके विपरीत तेलंगाना (सर्वाधिक), हरियाणा, नागालैंड और गुजरात जैसे राज्यों में धान की बुवाई क्षेत्रफल में वृद्धि देखी गई है।
- उच्च कृषि लागत, उर्वरकों के मूल्यों में वृद्धि, पानी की कमी आदि धान की बुवाई क्षेत्रफल में कमी के मुख्य कारण हैं।
अन्य क्षेत्र
- कई क्षेत्रों में बाढ़ के कारण दालों के बुवाई क्षेत्रफल में भी कमी आई है। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और असम जैसे राज्यों में दालों की बुवाई क्षेत्रफल में वृद्धि हुई है, जबकि महाराष्ट्र, तेलंगाना, झारखंड और कर्नाटक में कमी देखी गई है।
- अरहर /तूर और उड़द की खेती में विगत वर्ष की तुलना में कमी आई है। साथ ही, तिलहन के कृषि बुवाई क्षेत्र में भी कमी दर्ज़ की गई है। हालाँकि, गन्ने और कपास की खेती के क्षेत्रफल में वृद्धि हुई है।