हाल ही में, भारतीय वायु सेना और फ्रांसीसी वायु सेना के प्रमुख जोधपुर में वायु अभ्यास गरुड़-VII में शामिल हुए।
वायु अभ्यास गरुड़-VII के बारे में:
- यह भारतीय वायु सेना (IAF) और फ्रांसीसी वायु और अंतरिक्ष बल (FASF) के बीच एक द्विपक्षीय अभ्यास है।
- यह द्विपक्षीय अभ्यास का सातवां संस्करण है।
- दोनों वायु सेना प्रमुखों ने दोनों देशों की वायु सेनाओं के बीच बढ़ती अंतःक्रियाशीलता पर भी प्रकाश डाला।
- यह पहला अवसर है, जब हल्के लड़ाकू विमान (LCA) तेजस और हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (LCH) प्रचंड ने किसी अंतरराष्ट्रीय अभ्यास में भाग लिया।
- इसमें फ्रांस की ओर से चार राफेल लड़ाकू विमान और एक ए-330 मल्टी-रोल टैंकर परिवहन विमान शामिल हुए।
- जबकि भारत की ओर से, LCA और LCH के अलावा, IAF की टुकड़ी में Su-30 MK-I, राफेल और जगुआर लड़ाकू विमान, साथ ही Mi-17 हेलीकॉप्टर शामिल हैं।
- IAF के दल में लड़ाकू विमान में ईंधन भरने वाले विमान, एयरबोर्न वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (AWACS) और एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल (AEW&C) जैसी लड़ाकू सक्षम संपत्तियां भी शामिल हैं।
पृष्ठभूमि :
- यह एक द्विपक्षीय संयुक्त अभ्यास है।
- जिसका पहला, तीसरा और पांचवां संस्करण भारत में क्रमशः वर्ष 2003, वर्ष 2006 और वर्ष 2014 में वायु सेना स्टेशनों ग्वालियर, कलाईकुंडा और जोधपुर में आयोजित किया गया था।
- वहीं दूसरा, चौथा और छठा संस्करण फ्रांस में वर्ष 2005, वर्ष 2010 और वर्ष 2019 में आयोजित किया गया था।
अभ्यास का महत्व:
- यह संयुक्त अभ्यास दोनों देशों को सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के साथ-साथ सैन्य अभियानगत क्षमता और अंतःक्रियाशीलता बढ़ाने के लिए एक मंच प्रदान करता है।
- यह दोनों वायु सेनाओं को संचालन के दौरान एक-दूसरे की सर्वोत्तम प्रथाओं को सीखने और आत्मसात करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है।
- इस अभ्यास में भारतीय वायुसेना और फ्रांसीसी वायु और अंतरिक्ष बल (FASF) की भागीदारी दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के अलावा पेशेवर बातचीत, अनुभवों के आदान-प्रदान और परिचालन ज्ञान में वृद्धि को बढ़ावा देती है।
भारत- फ्रांस रक्षा सहयोग
- दोनों देशों की तीनों सेनाओं का नियमित रक्षा अभ्यास होता है ; जैसे -अभ्यास शक्ति (सेना), अभ्यास वरुण (नौसेना), अभ्यास गरुड़ (वायु सेना)
- सेवा-स्तरीय स्टाफ वार्ता के अलावा, दोनों पक्षों में रक्षा सहयोग पर एक उच्च समिति (एचसीडीसी) है जो रक्षा सचिव और अंतर्राष्ट्रीय संबंध और रणनीति निदेशालय (डीजीआरआईएस) के फ्रांसीसी महानिदेशक के स्तर पर सालाना बैठक करती है।
- इसके अलावा, विभिन्न स्टाफ पाठ्यक्रम, प्रशिक्षण कार्यक्रम आदि भी नियमित रूप से संचालित होते रहते हैं।
भारत- फ्रांस की प्रमुख रक्षा संबंधी परियोजनाएं:
P-75 स्कॉर्पीन परियोजना:
- वर्ष 2005 में, लाइसेंस समझौते के माध्यम से छह पनडुब्बियों के निर्माण के लिए भारत और फ्रांस के बीच रणनीतिक महत्व के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे।
- साथ ही, दोनों देशों ने खुफिया और सूचना साझा करने, परिचालन सहयोग, आपसी क्षमताओं को बढ़ाने, द्विपक्षीय अभ्यासों का विस्तार करने और समुद्री, अंतरिक्ष और साइबर डोमेन में नई पहल करने के माध्यम से द्विपक्षीय रक्षा और सुरक्षा साझेदारी को मजबूत करने पर सहमति व्यक्त की है।
राफेल विमान की खरीद:
- भारत और फ्रांस ने 2016 में 36 राफेल जेट के लिए ₹59000 करोड़ का सौदा किया था।
- जिनमें से 35 राफेल विमान भारत को प्राप्त हो चुके हैं।
निष्कर्ष
- फ्रांस, भारत के लिए एक महत्वपूर्ण भागीदार है, और दोनों देश जलवायु प्रतिबद्धताओं का सम्मान करने, वैश्विक तकनीकी व्यवस्था की चुनौतियों का मुकाबला करने और बहुपक्षवाद में लचीलापन के पुनर्निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध है।