सऊदी अरब के इतिहास में पहली बार अल-जौफ़ (Al-Jawf) क्षेत्र के आसपास के रेगिस्तानी इलाके में अत्यधिक हिमपात (Snowfall) जैसी अप्रत्याशित मौसमी परिघटना देखने को मिल रही है।
- अत्यधिक वर्षा एवं ओला गिरने के कारण सऊदी अरब के अल-जौफ़ क्षेत्र के कई पहाड़ी हिस्सों में बर्फबारी की शीतलहर देखने को मिल रही हैं। यद्यपि यह क्षेत्र वर्षभर शुष्क जलवायु (Arid Climate) के लिए जाना जाता है।
- इस अप्रत्याशित मौसमी परिघटना ने अन्य क्षेत्रों को भी प्रभावित किया है। यह अप्रत्याशित शीतकालीन मौसम पश्चिम एशिया में विकसित हो रहे जलवायु प्रतिरूप को प्रदर्शित करता है जहाँ सबसे शुष्क क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण बदलाव हो सकता है।
- संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार इन असामान्य ओलावृष्टि का कारण अरब सागर से ओमान तक विस्तारित हो रही निम्न दबाव प्रणाली है।
- इस मौसम प्रतिरूप से प्राय: शुष्क क्षेत्र में आर्द्रता युक्त वायु का प्रवेश होने के कारण सऊदी अरब और पड़ोसी देश संयुक्त अरब अमीरात में आंधी, ओलावृष्टि व वर्षा हो रही है।
- विशेषज्ञों के अनुसार रेगिस्तानों में बर्फबारी सहित ऐसी असामान्य मौसमी घटनाएं वैश्विक जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से बदलती वायुमंडलीय स्थितियों के कारण अधिक होती जा रही हैं।
रेगिस्तानी क्षेत्र में बर्फबारी के अन्य उदाहरण
- यद्यपि सऊदी अरब में बर्फबारी दुर्लभ है किंतु रेगिस्तानी क्षेत्र में बर्फबारी की यह पहली घटना नहीं है।
- कुछ वर्ष पहले सहारा रेगिस्तान के अत्यधिक तापमान (प्राय: 580C से अधिक) वाले एक कस्बे में तापमान में नाटकीय गिरावट आई और यह -2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जिसके परिणामस्वरूप अप्रत्याशित बर्फबारी हुई।
- ऐसी घटनाओं के लिए प्राय: जलवायु परिवर्तन के व्यापक प्रभावों को जिम्मेदार ठहराया जाता है।
- विश्व बैंक के अनुसार, पश्चिम एशिया जलवायु संबंधी प्रभावों के लिए सर्वाधिक संवेदनशील क्षेत्रों में से एक है। औसत तापमान में वृद्धि से मौसम के प्रतिरूप में त्वरित अनियमितता और चरम स्थितियाँ उत्पन्न हो सकती है।