प्रारम्भिक परीक्षा – अपवाह तंत्र मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र -1 |
चर्चा में क्यों
- उत्तराखंड के चमोली में अलकनंदा नदी पर एक निर्माणाधीन पुल गिर गया।
प्रमुख बिन्दु
- अलकनंदा नदी का स्रोत बद्रीनाथ के ऊपर सतोपथ हिमनद है। ये अलकनंदा, धौली और विष्णु गंगा धाराओं से मिलकर बनती है, जो जोशीमठ या विष्णुप्रयाग में मिलती है।
- अलकनंदा की अन्य सहायक नदी पिंडार है। जो इससे कर्ण प्रयाग में मिलती है। जबकि मंदाकिनी या काली गंगा इससे रूद्रप्रयाग में मिलती है।
गंगा नदी तंत्र
- अपनी द्रोणी और सांस्कृतिक महत्त्व दोनों के दृष्टिकोणों से गंगा भारत की सबसे महत्त्वपूर्ण नदी है। यह नदी उत्तराखण्ड राज्य के उत्तरकाशी जिले में गोमुख के निकट गंगोत्री हिमनद से 3,900 मीटर की ऊँचाई से निकलती है।
- यहाँ यह भागीरथी के नाम से जानी जाती है। यह मध्य व लघु हिमालय श्रेणियों को काट कर तंग महाखड्डों से होकर गुजरती है।
- देवप्रयाग में भागीरथी, अलकनंदा से मिलती है और इसके बाद यह गंगा नदी कहलाती है।
- गंगा नदी हरिद्वार में मैदानी क्षेत्र में प्रवेश करती है। यहाँ से यह पहले दक्षिण की ओर फिर दक्षिण-पूर्व की ओर और फिर पूर्व की ओर बहती है। अंत में, यह दक्षिणमुखी होकर दो जलवितरिकाओं (धाराओं) भागीरथी और पदमा में विभाजित हो जाती है।
- बांग्लादेश में ब्रह्मपुत्र नदी को जमुना नदी कहा जाता है, और गंगा नदी को पद्मा नदी के नाम से जाना जाता है।
- पद्मा नदी और जमुना कि संयुक्त धरा को पद्मा नदी के नाम से जाना जाता है। आगे चलकर जब पद्मा नदी से मेघना नदी अथवा बराक नदी(ये दोनों नदियाँ मणिपुर से निकलती हैं) आकर मिलती है। तो इन दोनों नदियों की मुख्य धारा को मेघना नदी के नाम से जाना जाता है। अर्थात् मेघना नदी ही बंगाल की खाड़ी में अपना जल गिराती है और सुंदरवन डेल्टा का निर्माण करती है।
- इस नदी की लंबाई 2525 किलोमीटर है। यह उत्तराखण्ड में 110 किलोमीटर, उत्तरप्रदेश में 1,450 किलोमीटर, बिहार में 445 किलोमीटर और पश्चिम बंगाल में 520 किलोमीटर मार्ग तय करती है।
- गंगा द्रोणी केवल भारत में लगभग 8.6 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली हुई है।
- यह भारत का सबसे बड़ा अपवाह तंत्र है, जिससे उत्तर में हिमालय से निकलने वाली बारहमासी व अनित्यवाही नदियाँ और दक्षिण में प्रायद्वीप से निकलने वाली अनित्यवाही नदियाँ शामिल हैं।
- गंगा नदी के दाहिने तट पर आकर मिलने वाली नदियां - यमुना, चम्बल, सिन्ध, बेतवा, केन, टोन्स और सोन नदियां हैं। गंगा नदी की एकमात्र हिमालयी सहायक नदी यमुना नदी है, जो कि इसके दाँए तट पर आकर मिलती है।
यमुना नदी
- यह नदी उत्तराखण्ड में बन्दरपुच्छ चोटी पर स्थित यमुनोत्री ग्लेशियर से निकलती है तथा प्रयागराज में गंगा नदी से आकर मिल जाती है।यमुना नदी की लम्बाई लगभग 1385 किमी है। यमुना कि सहायक नदियाँ-चम्बल, सिन्ध, बेतवा तथा केन है।
- सोन नदी मैकाल पहाड़ी के अमरकंटक चोटी से निकलकर उत्तर दिशा में प्रवाहित होते हुए पटना के पास गंगा नदी में मिल जाती है।
बाँये तट पर मिलने वाली महत्त्वपूर्ण सहायक नदियाँ -रामगंगा, गोमती, घाघरा, गंडक, कोसी व महानंदा हैं।
सागर द्वीप के निकट यह नदी अंततः बंगाल की खाड़ी में जा मिलती है।
भारतीय अर्थव्यवस्था में गंगा नदी का महत्व
- गंगा अपनी उपत्यकाओं से भारत और बांग्लादेश की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था में भारी सहयोग तो करती ही है, यह अपनी सहायक नदियों सहित बहुत बड़े क्षेत्र के लिए सिंचाई के बारहमासी स्रोत भी हैं।
- इन क्षेत्रों में उगाई जाने वाली प्रधान उपज में मुख्यतः धान, गन्ना, दाल, तिलहन, आलू एवं गेहूँ हैं। जो भारत की कृषि आज का महत्वपूर्ण स्रोत हैं।
- नदियां न केवल जल प्रदान करती है बल्कि घरेलू एवं औद्योगिक गंदे व अवशिष्ट पानी को अपने साथ बहकर ले भी जाती है।
- बड़ी नदियों का उपयोग जल परिवहन के रूप मे भी किया जा रहा है। नदियों में मत्स्य पालन से मछली के रूप मे खाद्य पदार्थ भी प्राप्त होते हैं। नदियों पर बांध बनाकर उनसे पन बिजलीघर बनने से बिजली प्राप्त होती है।
प्रश्न : अलकनंदा नदी का निर्माण किन नदियों के संयुक्त धाराओं के मिलने से होता है?
- धौली गंगा नदी
- भागीरथी नदी
- विष्णु गंगा नदी
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1 और 3 (b) केवल 3 (c) केवल 1 और 2 (d) इनमे से कोई भी नहीं
उत्तर : (a)
मुख्या परीक्षा प्रश्न : भारतीय अर्थव्यवस्था में नदियों के महत्त्व की विवेचना कीजिए?
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