चर्चा में क्यों
जलवायु शिखर सम्मलेन कॉप-26 (ग्लासगो, ब्रिटेन) में अमेरिका ने वैश्विक ऊर्जा ग्रिड से संबंधित भारत एवं ब्रिटेन की पहल में भागीदारी की है।
प्रमुख बिंदु
- कॉप-26 शिखर सम्मलेन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने ‘ग्रीन ग्रिड पहल- वन वर्ल्ड वन सन वन ग्रिड’ की शुरुआत की। वैश्विक ऊर्जा ग्रिड की अवधारणा की घोषणा अक्तूबर 2018 में आई.एस.ए. की पहली बैठक के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी।
- इस पहल की संचालन समिति में भारत एवं ब्रिटेन के अतिरिक्त अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया एवं फ्रांस भी शामिल हैं। इसके अंतर्गत 80 देशों ने ‘वन सन डिक्लेरेशन’ का समर्थन करते हुए इंटरकनेक्टेड ग्रिड बनाने के अपने प्रयासों को समेकित करने का संकल्प लिया है।
- आई.एस.ए. के अनुसार, ‘वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड’ के अंतर्गत पूरी दुनिया को एक ग्रिड से जोड़ा जाएगा तथा इसके माध्यम से पूरी दुनिया से समेटी गई सौर ऊर्जा को अलग-अलग लोड सेंटर्स तक पहुँचाया जाएगा।
- भारत, भूटान, बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल पहले से ही सीमाओं के पार ऊर्जा हस्तांतरण के लिये पारेषण क्षमता साझा करते हैं। इस क्षमता का उपयोग इन देशों के मध्य सौर ऊर्जा के हस्तांतरण के लिये किया जा सकता है।