(प्रारंभिक परीक्षा : अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ)
चर्चा में क्यों
हाल ही में, अमेरिका के वन्यजीव अधिकारियों ने बताया है कि फ्लोरिडा में ‘अमेरिकी मानेटी’ (American Manatee) नामक समुद्री जीव के मौतों की संख्या वर्ष 2021 की तुलना में वर्ष 2022 में कम हुई हैं। हालाँकि अभी भी जल प्रदूषण के कारण समुद्री घास के नष्ट होने से इनके समक्ष खाद्य संकट बना हुआ है।
प्रमुख बिंदु
- आँकड़ों के अनुसार, फ्लोरिडा में वर्ष 2021 में 1,100 जबकि वर्ष 2022 में 800 अमेरिकी मानेटी की मृत्यु हुई है। वर्तमान में फ्लोरिडा में इनकी संख्या लगभग 7,000 से 8,000 तक है।
- फ्लोरिडा के पूर्वी तट में इंडियन रिवर लैगून की समुद्री घास इन जीवों का प्रमुख आहार है। लेकिन वर्तमान में ये समुद्री घास कृषि गतिविधियों, सेप्टिक टैंक, शहरी अपवाह और अन्य स्रोतों से फ़ैल रहे जल प्रदूषण के कारण तेजी से नष्ट हो रही है।
- ये जलीय जीव अपनी धीमी गति के लिये जाने जाते हैं जो औसतन 3 से 5 मील प्रति घंटा होती है। ऐसे में ये जलीय जहाजों और नावों से टकराने के कारण कई बार दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं।
- इसके अतिरिक्त, गर्म जल के आवास के क्षतिग्रस्त होने, लाल ज्वार और असामान्य रूप से ठंडे मौसम की घटनाओं से भी इनकी मृत्यु हो जाती है।
अमेरिकी मानेटी के बारे में
- ये साइरेनिया क्रम से संबंधित जीव है जो जलीय एवं शाकाहारी स्तनधारियों का एक क्रम है। इन्हें समुद्री गायों के रूप में भी जाना जाता है। ये दलदलों, नदियों, समुद्री आर्द्रभूमियों और तटीय समुद्री जल में निवास करते हैं।
- साइरेनिया के दो प्रमुख परिवार- डुगोंगिडे (Dugongidae) एवं त्रिचेचिडे (Trichechidae) है। डुगोंगिडे में डुगोंग और त्रिचेचिडे में अफ्रीकी मानेट और अमेरिकी मानेट शामिल हैं।
- ये फ्लोरिडा तट, कैरेबियाई सागर, मैक्सिको की खाड़ी और अमेजन बेसिन में पाए जाते हैं जो समुद्री जल में उगने वाली समुद्री घास, शैवाल और अन्य वनस्पतियों को बड़ी मात्रा में खातें हैं।
- इनके लिये जल का उपयुक्त तापमान 15ºC से अधिक होना चाहिये क्योंकि इससे कम तापमान के जल में ये जीवित नहीं रह सकते हैं।
- ये अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) की लाल सूची में सुभेद्य (Vulnerable) श्रेणी में सूचीबद्ध है।
डुगोंग के बारे में
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- यह एक समुद्री शाकाहारी जीव है, जिसे समुद्री गाय के रूप में भी जाना जाता है। यह आई.यू.सी.एन. की लाल सूची में सुभेद्य के रूप में सूचीबद्ध है।
- भारत-प्रशांत क्षेत्र में उथले उष्णकटिबंधीय जल में वितरित यह प्रजाति भारत में कच्छ की खाड़ी, मन्नार की खाड़ी, पाक खाड़ी और अंडमान निकोबार द्वीप समूह में पाई जाती है।
- डुगोंग के संरक्षण के लिये भारत का पहला ‘डुगोंग संरक्षण आरक्षित क्षेत्र’ तमिलनाडु में स्थापित किया जा रहा है।
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