New
IAS Foundation Course (Prelims + Mains): Delhi & Prayagraj | Call: 9555124124

'एनालॉग' अंतरिक्ष मिशन

(प्रारंभिक परीक्षा : विज्ञान और प्रौद्योगिकी)

संदर्भ 

हाल ही में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा भारत का पहला अंतर्ग्रहीय (मंगल और चंद्रमा) 'एनालॉग' अंतरिक्ष मिशन लेह (लद्दाख) में शुरू किया गया। 

'एनालॉग' अंतरिक्ष मिशन के बारे में 

  • उद्देश्य : इस मिशन का उद्देश्य अंतरग्रहीय आवास स्थितियों का अनुकरण करना है। इससे वैज्ञानिकों को पृथ्वी से परे एक स्थायी बेस स्टेशन स्थापित करने की व्यवहार्यता का पता लगाने में मदद मिलेगी। 
    • यह मिशन मंगल और चंद्रमा पर चरम स्थितियों का अनुकरण करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिससे भारत अपनी मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमताओं को बढ़ा सकेगा। 
  • शामिल भागीदार : इसरो के मानव अंतरिक्ष उड़ान केंद्र द्वारा शुरू किए गए इस मिशन में AAKA स्पेस स्टूडियो, लद्दाख विश्वविद्यालय, आईआईटी बॉम्बे शामिल हैं। 
    • इसके अलावा यह मिशन लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद द्वारा भी समर्थित है। 
  • विशेषताएँ : यह मिशन मानव-केंद्रित आवास प्रोटोटाइप के परीक्षण पर केंद्रित है। यह आवास, एयरलॉक और एक्स्ट्रा-व्हीक्युलर गतिविधियों (EVA), सर्केडियन प्रकाश व्यवस्था, हाइड्रोपोनिक्स, पर्यावरण निगरानी प्रणाली और स्टैंड-अलोन पावर सिस्टम जैसी कई नवीन प्रौद्योगिकियों को एकीकृत करता है।
    • EVA पृथ्वी की ऊपरी कक्षा में अपने अंतरिक्ष यान के बाहर अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा की जाने वाली गतिविधियाँ हैं। 
    • एयरलॉक और EVA जोन, आवास की अखंडता को बनाए रखते हुए EVA की तैयारी के लिए एक समर्पित स्थान है।  
    • सर्कैडियन प्रकाश व्यवस्था, अंतरिक्ष यात्रियों के सोने-जागने के पैटर्न का समर्थन करने के लिए प्राकृतिक दिन के प्रकाश चक्रों का अनुकरण करती है।  
    • हाइड्रोपोनिक्स ताजा भोजन उत्पादन का समर्थन करता है।  
    • स्टैंड-अलोन पावर सिस्टम निर्बाध बिजली सुनिश्चित करने के लिए अक्षय ऊर्जा का उपयोग करता है। 
    • पर्यावरण निगरानी प्रणाली इष्टतम कामकाज का समर्थन करने के लिए आवास की स्थिति पर नज़र रखती है।
  • लद्दाख ही क्यों : लद्दाख में स्थित मिशन स्थल को इसके अनूठे वातावरण के लिए चुना गया था जो मंगल और चंद्र सतहों से काफी मिलता-जुलता है।
  • यह आवास स्थिरता, जीवन समर्थन प्रणालियों और अलगाव के मानवीय अनुभव के परीक्षण के लिए एक प्राकृतिक प्रयोगशाला प्रदान करता है। 
    • यहाँ का "दैनिक तापमान 15 °C से -10 °C तक बदलता है, जो बाहरी वातावरण की चुनौतियों का अनुकरण करता है, जिससे आवास के तापीय इन्सुलेशन का परीक्षण संभव हो पाता है।
    • समुद्र तल से 3,500 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर स्थित, लद्दाख का ऑक्सीजन स्तर समुद्र तल का केवल 40% है, जिससे शोधकर्ताओं को मंगल ग्रह के समान निम्न दाब की स्थितियों के लिए जीवन समर्थन प्रणालियों का परीक्षण करने की अनुमति मिलती है
    • इस क्षेत्र की रेतीली, चट्टानी मिट्टी मंगल ग्रह और चंद्रमा की मिट्टी से मिलती-जुलती है, जो रोवर गतिशीलता और संसाधनों के उपयोग पर अनुसंधान के लिए आदर्श है।
  • महत्व : इस तरह के परीक्षण अंतरिक्ष अभियानों के लिए आवश्यक प्रौद्योगिकियों, आवासों, संचार प्रणालियों और अन्य उपकरणों के मूल्यांकन के लिए महत्वपूर्ण हैं। 

इसे भी जानिए

  • नासा के अनुसार  एनालॉग मिशन, सुदूर पृथ्वी के वातावरण में किए जाने वाले क्षेत्र परीक्षण हैं, जिनका उद्देश्य चरम अंतरिक्ष स्थितियों का अनुकरण करना है, जिससे शोधकर्ताओं को अंतरिक्ष जैसी चुनौतियों के प्रति मानव और रोबोट की प्रतिक्रिया का अध्ययन करने का अवसर मिलता है।
    • दुनिया भर में ऐसे परीक्षण स्थल मौजूद हैं जो रेगिस्तान से लेकर ज्वालामुखीय परिदृश्यों तक, कठोर अंतरिक्ष स्थितियों की नकल करते हैं।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X