प्रारम्भिक परीक्षा – पर्यावरण संरक्षण मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन पेपर-3 |
संदर्भ
- भारत के इडुक्की में मुन्नार वन्यजीव प्रभाग ने अनामुडी शोला राष्ट्रीय उद्यान में पझाथोट्टम क्षेत्र को विदेशी वृक्ष प्रजातियों से भरी जली हुई भूमि से 50 हेक्टेयर के हरे-भरे जंगल में सफलतापूर्वक बदल दिया है।
प्रमुख बिंदु
पर्यावरण-पुनर्स्थापना परियोजना
- यह क्षेत्र इस बात का उदाहरण है कि कैसे एक पर्यावरण-पुनर्स्थापना परियोजना प्राकृतिक घास के मैदानों को विकसित करने और जंगली जानवरों के लिए उचित भोजन सुनिश्चित करने में मदद कर सकती है।
- मुन्नार वन्यजीव प्रभाग ने विदेशी प्रजातियों के पेड़ों से भरे एक पार्क को 50 हेक्टेयर वन भूमि में बदल दिया। यह परियोजना संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) के माध्यम से कार्यान्वित की गई थी। इस परियोजना को 2019 में शुरू किया गया और 2022 में पूरा किया गया।
- परियोजना के हिस्से के रूप में, वन भूमि से विदेशी प्रजातियों को हटा दिया गया और प्राकृतिक घास लगाई गई।
- क्षेत्र को प्राकृतिक घास के मैदान में बदलने के बाद, क्षेत्र में एक बार फिर बाइसन और अन्य जंगली जानवरों जैसे- जंगली हाथी, निगिरि पिपिट और ऐसे पक्षियों की उपस्थिति देखी गई।
- जीर्णोद्धार के बाद, क्षेत्र में प्राकृतिक जलधाराएँ भी पुनर्जीवित हो गईं।
- पर्यावरण-पुनर्स्थापना परियोजना स्थानीय निवासियों की भागीदारी से कार्यान्वित की जा रही है। विभाग ने परियोजना के लिए 'हरिथा वसंतम' नामक एक पर्यावरण-विकास समिति (EDC) का गठन किया है।
- वन विभाग ने पझाथोट्टम में एक प्रकृति-अनुकूल पर्यावरण-पर्यटन परियोजना भी शुरू की है। “इसके अंतर्गत चार लोगों का परिवार घास के मैदान के अंदर रह सकते हैं। इसके अलावा, पर्यटकों को प्राकृतिक घास के मैदानों में ट्रैकिंग करने का मौका मिलेगा।
- इस प्रकार पर्यटकों से उत्पन्न आय का उपयोग EDC सदस्यों के वेतन का भुगतान करने के लिए किया जाएगा।
अनामुडी शोला राष्ट्रीय उद्यान के बारे में
- यह पार्क एराविकुलम राष्ट्रीय उद्यान, पंबाडुम शोला राष्ट्रीय उद्यान, चिन्नार वन्यजीव अभयारण्य, मथिकेट्टन शोला राष्ट्रीय उद्यान से घिरा हुआ है।
- इसकी देखरेख केरल वन्यजीव और वन विभाग एवं मुन्नार वन्यजीव प्रभाग द्वारा की जाती है ।
क्षेत्रफल
- पार्क का क्षेत्रफल लगभग 7.5 वर्गकिमी है। इसे 2003 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था।
- यह पार्क वनस्पतियों और जीवों की जंगली प्रजातियों को सुरक्षित और आरामदायक आवास प्रदान करता है।
राष्ट्रीय उद्यान
- राष्ट्रीय उद्यान एक ऐसा क्षेत्र है जो वन्य जीव और जैव विविधता के संरक्षण के लिए होता है, जहां विकासात्मक, वानिकी, अवैध शिकार, और पशु चराई जैसी गतिविधियों की अनुमति नहीं है। उनकी सीमाएँ अच्छी तरह से चिन्हित और परिचालित होती हैं।
अनामुडी शोला राष्ट्रीय उद्यान की अवस्थिति
- अनामुडी शोला राष्ट्रीय उद्यान पश्चिमी घाट में स्थित है। यह वन क्षेत्र इडुक्की जिले के देवीकुलम तालुक में स्थित है।
- वन क्षेत्र में अधिकांश प्राथमिक वनस्पति पश्चिमी तट उष्णकटिबंधीय सदाबहार है।
- इस उद्यान में तेंदुए, सिवेट बिल्लियाँ, भेड़िये, भारतीय बाइसन, जंगली सूअर, हाथी, बाघ, पैंथर, स्लॉथ भालू, चित्तीदार हिरण, उड़ने वाली गिलहरियाँ, जंगली बिल्लियाँ और जंगली कुत्तों के अतिरिक्त , आगंतुक 76 प्रकार के पक्षियों, 200 से अधिक प्रकार के किट पतंगों, और सरीसृपों आदि की प्रजाति पायी जाती है।
नीलकुरिंजी फूल
- अनामुडी शोला राष्ट्रीय उद्यान में एक दुर्लभ नीलकुरिंजी (स्ट्रोबिलैन्थेस कुंथियाना) नामक फूल पाया जाता है। जो 12 साल में केवल एक बार खिलता है।
- इस फूल से पारिस्थितिक प्रक्रियाओं एवं सांस्कृतिक महत्व है।
- नीलकुरिंजी का खिलना मुथुवन नामक स्थानीय आदिवासी समुदाय के लिए शुभ है।
राष्ट्रीय उद्यान के लिए चुनौतियाँ
- देवीकुलम और मुन्नार के कई चाय बागानों ने पार्क के बड़े हिस्से पर अतिक्रमण कर लिया है। भूमि खोने के अलावा, इन पड़ोसी चाय बागानों में रासायनिक उर्वरकों के बड़े पैमाने पर उपयोग से जंगल के पारिस्थितिक संतुलन के आधार पर उभयचर और मछली सहित विभिन्न प्रजातियों को नुकसान हो सकता है।
प्रारम्भिक परीक्षा प्रश्न : निम्नलिखित में से मुथुवन जनजाति किस राज्य में पायी जाती है?
(a) असम
(b) मेघालय
(c) मणिपुर
(d) केरल
उत्तर (d)
मुख्य परीक्षा प्रश्न: भारतीय पर्यावरण-पुनर्स्थापना परियोजना के तहत किये जा रहे कार्यों व्याख्या कीजिए।
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