चर्चा में क्यों
1 अगस्त को प्रसिद्ध तमिल संत कवयित्री अंडाल थिरुनाक्षत्रम की जयंती का आयोजन किया गया।
प्रमुख बिंदु
- इन्हें देवी लक्ष्मी की अवतार तथा दक्षिण की मीरा के रूप में जाना जाता है। इन्होंने अपना संपूर्ण जीवन भगवान विष्णु की भक्ति में समर्पित कर दिया।
- इनका जन्म 7वीं शताब्दी के दौरान श्रीविल्लिपुथुर में हुआ था। वे 12 अलवार संतों में से एक मात्र महिला संत है। श्रीविल्लीपुथुर मंदिर अंडाल को समर्पित माना जाता है।
- तमिल महीने का पूरम दिवस अंडाल की जयंती के रूप में मनाया जाता है। पूरम हिंदू ज्योतिष में 27 नक्षत्रों में से एक है।