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एनिमल डिप्लोमसी

संदर्भ 

वर्तमान वैश्विक राजनीति में विभिन्न देशों द्वारा एक प्रभावी कूटनीतिक उपकरण के रूप में एनिमल डिप्लोमेसी का उपयोग किया जा रहा है।

क्या है एनिमल डिप्लोमेसी

  • एनिमल डिप्लोमेसी के अंतर्गत विभिन्न देशों के बीच मित्रता या सद्भावना के संकेत के रूप में जानवरों को उपहार या उधार के रूप में देना शामिल है। 
  • इसमें सांस्कृतिक महत्व वाले या उपहार देने वाले देश के स्थानिक जानवर विशेष रूप से शामिल किए जाते हैं। इसलिए उन्हें कूटनीति के लिए प्रभावशाली उपकरण के रूप में मान्यता दी जाती है। 
    • इसके परिणामस्वरूप प्राप्तकर्ता राष्ट्र सामान्यत: ऐसी प्रजातियों की रक्षा करने के लिए सहमत होता है जिससे राष्ट्रों के बीच सामंजस्य बढ़ता है।

एनिमल डिप्लोमेसी का इतिहास

  • एनिमल डिप्लोमेसी के पहले दर्ज उदाहरण मिस्र की प्राचीन सभ्यताओं में खोजे जा सकते हैं जहाँ मिस्र के फारोह शासकों ने अपनी संपत्ति और शक्ति के प्रदर्शन के लिए अन्य शासकों को दुर्लभ जानवर उपहार में दिए। 
    • इनमें फिरौन हत्शेपसुत का विशेष उल्लेख मिलता है, जिसने 1500 ई.पू. के आसपास सीरिया के राजा को उपहार के रूप में एक जिराफ भेजा था।
  • मध्य युग और पुनर्जागरण काल के दौरान यूरोपीय राजा प्रकृति पर अपना अधिकार दिखाने के लिए प्राय: शेर और बाघ जैसे जानवरों का आदान-प्रदान करते थे। 
    • ये राजसी जानवर शक्ति और भव्यता के प्रतीक थे।
  • प्राचीन काल में एक उपहार के रूप में दिए गए शेर को शाही अनुग्रह और शक्ति दोनों का प्रतीक माना जाता था। 
  • मित्रता और वफादारी प्रदर्शित करने के लिए सम्राट विदेशी नेताओं को शेर दे देते थे।  
  • हाथियों को उनकी बुद्धिमत्ता और ताकत के लिए एशिया में सर्वोच्च मान्यता प्राप्त है। हाथी एशियाई  देशों के बीच दूत के रूप में कार्य करते थे।

विभिन्न देशों की एनिमल डिप्लोमेसी 

चीन की पांडा कूटनीति

  • चीन की एनिमल डिप्लोमेसी की शुरुआत तांग राजवंश से प्रारंभ होती है जब सम्राटों ने शांति व सहयोग के प्रतीक के रूप में विदेशी शासकों को पांडा प्रदान किए थे। 
  • नवंबर 2023 में राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अमेरिकी समकक्ष जो बिडेन के साथ एक महत्वपूर्ण राजनयिक कदम के रूप में पांडा कूटनीति को पुनर्स्थापित करने का प्रयास किया। 
    • यह दोनों देशों के मध्य द्विपक्षीय संबंधों में संभावित नरमी का संकेत है।

मलेशिया की ओरंगुटान कूटनीति

  • मलेशिया सॉफ्ट पावर के प्रति अपने दृष्टिकोण को ‘ऑरंगुटान कूटनीति’ के रूप में वर्णित करता है। 
  • इस रणनीति का लक्ष्य पर्यावरणीय मुद्दों के लिए ऑरंगुटान संरक्षण प्रयासों का उपयोग करके अन्य देशों को जोड़ना है।
  • मलेशिया की इस कूटनीति का प्रमुख लक्ष्य हैं : 
    • वन्यजीव की सुरक्षा के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय छवि में वृद्धि 
    • पाम तेल के सतत उत्पादन को प्रोत्साहन 
    • ऑरंगुटान संरक्षण के लिए अन्य देशों के साथ संयुक्त रूप से कार्यवाही 
  • यह योजना चीन, भारत और यूरोपीय संघ जैसे पाम तेल के मुख्य आयातकों को ऑरंगुटान प्रदान करने का सुझाव देती है। 

ऑस्ट्रेलिया की कोआला डिप्लोमेसी 

  • वर्ष 2014 में ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के का दौरान ऑस्ट्रेलिया ने कोआला कूटनीति प्रस्तुत की जिसमें ऑस्ट्रेलिया में पाए जाने वाले कोआला का उपयोग किया गया।
  • सम्मेलन की पूरी अवधि के दौरान दुनिया भर के नेताओं को कोआला पकड़े हुए दिखाने वाली छवियों को प्रस्तुत किया गया।

अन्य देशों के उदाहरण 

  • हाथियों को उपहार देना, सदियों से थाई कूटनीति का हिस्सा रहा है। 
  • तुर्कमेनिस्तान अपने अमूल्य अखल-टेके घोड़ों को राजनयिक उपहार के रूप में उपयोग करता है।

एनिमल डिप्लोमेसी का महत्त्व 

  • एनिमल डिप्लोमेसी के माध्यम से विभिन्न देशों के बीच भविष्य में सहयोग और साझेदारी की संभावनाएं विद्यमान हैं जो प्रकृति की रक्षा और अंतरराष्ट्रीय समझ को बढ़ाने के उद्देश्य से पारंपरिक भू-राजनीतिक सीमाओं से ऊपर उठ सकती हैं।
  • देश अपने वन्यजीवों से संबंधित संरक्षण परियोजनाओं पर मिलकर काम कर सकते हैं। इससे प्राणियों के कल्याण के लिए साझा जिम्मेदारी आती है और देशों के राजनयिक संबंध मजबूत होते हैं। 
  • अद्वितीय लुप्तप्राय प्रजातियों के निवास स्थल वाले कुछ छोटे देश भी इस प्रकार की कूटनीति का उपयोग कर सकते हैं जिससे लुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण को बढ़ावा मिल सकता है। 
  • एनिमल डिप्लोमेसी पर्यावरणीय चिंताओं पर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने का एक साधन बन सकती है।
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