केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री पोषण योजना के तहत बच्चों को दिए जाने वाले खाद्य पदार्थों की कीमतों में संशोधन किया है। श्रम ब्यूरो द्वारा उपलब्ध कराए गए मुद्रास्फीति सूचकांक के आधार पर भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने इसकी ‘सामग्री लागत’ में 13.70% की वृद्धि की है।
प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के बारे में
- यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है, जिसकी शुरुआत वर्ष 1995 में की गयी थी।
- इसके तहत सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में बालवाटिका और कक्षा 1 से 8 तक पढ़ने वाले विद्यार्थियों को सभी स्कूल-दिवसों में एक बार गर्म पका हुआ भोजन परोसा जाता है।
- इसके अंतर्गत केंद्र सरकार, राज्यों को मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध करवाती है तथा शेष अन्य लागतें (जैसे- परिवहन, खाना पकाने, आदि) राज्यों के साथ साझा की जाती है।
- सितंबर 2021 में शिक्षा मंत्रालय द्वारा इस योजना का नाम बदलकर PM-POSHAN ( प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण) योजना कर दिया गया है।
- शिक्षा मंत्रालय इस योजना के लिए नोडल मंत्रालय है।
- मध्याह्न भोजन योजना का क्रियान्वयन राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत होती है।
- इस योजना का उद्देश्य पोषण संबंधी सहायता प्रदान करना तथा विद्यार्थियों की स्कूल में भागीदारी बढ़ाना है।