प्रारंभिक परीक्षा – शिक्षा की वार्षिक स्थिति रिपोर्ट मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 2 – शिक्षा |
सन्दर्भ
- हाल ही में, 2022 के लिए 17 वीं वार्षिक शिक्षा स्थिति रिपोर्ट (ASER) जारी की गई।
- यह रिपोर्ट प्रत्येक चार वर्ष के अंतराल पर जारी की जाती है।
- इस रिपोर्ट में देश के 616 जिलों के 19,060 गांवों में लगभग 7 लाख बच्चों का सर्वेक्षण किया गया।
रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष
मूलभूत कौशल
- राष्ट्रीय स्तर पर, बच्चों की पढ़ने की बुनियादी क्षमता 2012 के पूर्व के स्तर तक गिर गई है।
- राष्ट्रीय स्तर पर, बच्चों के बुनियादी गणित स्तर में अधिकांश कक्षाओं के लिए 2018 के स्तर की तुलना में गिरावट आई है।
- लेकिन पढ़ने की बुनियादी क्षमता की तुलना में यह गिरावट कम तीव्र और ज़्यादा विविध है।
- नई तकनीकों के विकास, ज्ञान के नए क्षेत्रों, और संचालन के नए तरीकों के बावजूद, कई बच्चे मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मक कौशल को पर्याप्त रूप से सीखे बिना आठवीं कक्षा तक पहुंच रहे हैं।
नांमाकन
- 6 से 14 आयु वर्ग के बच्चों के लिए नामांकन दर पिछले 15 वर्षों से 95% से ऊपर रहा है।
- COVID महामारी के दौरान स्कूल बंद रहने के बावजूद नामांकन के आँकड़ों में वृद्धि हुई है।
- नामांकन दर 2018 के 97.2% से बढ़कर 2022 में 98.4% हो गयी है।
- सरकारी विद्यालयों में नामांकित बच्चों (6 से 14 वर्ष) का अनुपात 2018 के 65.6% से बढ़कर 2022 में 72.9% हो गया है।
- सरकारी विद्यालय के नामांकन में देश के लगभग प्रत्येक राज्य में वृद्धि हुयी है।
- सरकारी स्कूलों में नामांकन में वृद्धि के लिए कई संभावित कारकों को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है जैसे - परिवार की आय में कमी, कम लागत वाले निजी स्कूलों को स्थायी रूप से बंद करना, और कई राज्य सरकारों द्वारा स्कूल बंद होने पर भी सेवाएं प्रदान करने के प्रयास जैसे भोजन का राशन, पाठ्यपुस्तक वितरण आदि।
- 11-14 आयु वर्ग की स्कूल में अनामांकित लड़कियों का अनुपात 2006 के 10.3% से घटकर 2018 में 4.1% तथा 2022 में 2% रह गया है।
- 15-16 आयु वर्ग की स्कूल में अनामांकित लड़कियों का अनुपात 2018 के 13.5% से घटकर 2022 में 7.9% रह गया है।
- केवल 3 राज्यों में इस आयु वर्ग की अनामांकित लड़कियों का अनुपात 10% से अधिक है -
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- मध्य प्रदेश (17%)
- उत्तर प्रदेश (15%)
- छत्तीसगढ़ (11.2%)
- 2022 में ग्रामीण भारत में, 3 वर्ष तक के 78.3% बच्चे प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा (Early Childhood Education) प्रदान करने वाले किसी न किसी संस्था में नामांकित हैं, जो कि 2018 के आँकड़ों की तुलना में 7.1 प्रतिशत अधिक है।
शुल्क देकर ली गई ट्यूशन
- पिछले दशक में, ग्रामीण भारत में शुल्क देखर निजी ट्यूशन लेने वाले कक्षा I-VIII के बच्चों के अनुपात में लगातार वृद्धि देखी गई है।
- 2018 और 2022 के बीच यह अनुपात सरकारी और निजी दोनों प्रकार के विद्यालयों के बच्चों के लिए और बढ़ा है।
- राष्ट्रीय स्तर पर, कक्षा I-VIII में शुल्क देकर निजी ट्यूशन लेने वाले बच्चों का अनुपात 2018 के 26.4% से बढ़कर 2022 में 30.5% हो गया है।
विद्यालय
- 2022 में असर सर्वेक्षकों ने प्राथमिक कक्षाओं वाले 17,002 सरकारी विद्यालयों का अवलोकन किया जिनमें से 9,577 प्राथमिक विद्यालय थे और 7,425 उच्च प्राथमिक विद्यालय थे।
- 60 से कम छात्रों वाले सरकारी स्कूलों का अनुपात 2018 में 29.4% था, जो 2022 में बढ़कर 29.9% हो गया है।
- 2022 में हिमाचल प्रदेश (81.4%) और उत्तराखंड (74%) में 60 से कम छात्रों वाले सरकारी स्कूलों की संख्या पूरे देश में सबसे ज़्यादा हैं।
- उत्तर प्रदेश (2018 में 10.4% से 2022 में 7.9%) और केरल (2018 में 24.1% से 2022 में 16.2%) जैसे कुछ राज्यों में इन स्कूलों की संख्या कम हुई हैं।
- राज्य स्तर पर छात्रों और शिक्षकों की उपस्थिति में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है।
- औसत शिक्षक उपस्थिति 2018 के 85.4% से थोड़ी बढ़कर 2022 में 87.1% हो गई है।
- छात्रों की औसत उपस्थिति पिछले कई वर्षों से लगभग 72% के आस-पास ही रही है।
विद्यालय में सुविधाएँ
- राष्ट्रीय स्तर पर, शिक्षा के अधिकार अधिनियम से संबंधित सभी संकेतकों में 2018 की तुलना में सुधार हुआ है।
- लड़कियों के शौचालय वाले स्कूलों का अनुपात 2018 के 66.4% से बढ़कर 2022 में 68.4% हो गया है।
- पेयजल उपलब्धता वाले स्कूलों का अनुपात 2018 के 74.8% से बढ़कर 2022 में 76% हो गया है
- अधिकांश खेल संबंधी संकेतक भी 2018 में देखे गए स्तरों के करीब बने हुए हैं, उदाहरण के लिए, 2022 में, 68.9% स्कूलों में खेल का मैदान है, जिसमें 2018 के 66.5% की तुलना में थोड़ी वृद्धि हुयी है।
शिक्षा की वार्षिक स्थिति रिपोर्ट (ASER)
- शिक्षा रिपोर्ट की वार्षिक स्थिति(ASER) प्रथम फाउंडेशन के नेतृत्व में एक वार्षिक, नागरिक-नेतृत्व वाला घरेलू सर्वेक्षण है जिसका उद्देश्य यह समझना है कि क्या ग्रामीण भारत में बच्चे स्कूल में नामांकित हैं और क्या वे सीख रहे हैं।
- यह एक राष्ट्रव्यापी घरेलू सर्वेक्षण है (घर में प्रत्येक नमूना बच्चे के साथ एक-एक मौखिक प्रारूप में) जो देश के पूरे ग्रामीण-शहरी क्षेत्रों को कवर करता है और भारत में हर राज्य के लिए स्कूली शिक्षा और बुनियादी शिक्षा के लिए डेटा तैयार करता है।
- ASER द्वारा 2005 से स्कूल नामांकन, उपस्थिति और पढ़ने और अंकगणितीय क्षमताओं में रुझानों को ट्रैक करने के लिए 6 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों का सर्वेक्षण किया जा रहा है।
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