चर्चा में क्यों?
हाल ही में, प्रथम एन.जी.ओ. द्वारा ‘शिक्षा की वार्षिक स्थिति रिपोर्ट’/ असर (ग्रामीण), 2020 खंड 1 जारी की गई है।
शिक्षा की वार्षिक स्थिति रिपोर्ट, 2020 के प्रमुख बिंदु
- सर्वेक्षण में सरकारी स्कूलों में लड़के तथा लड़कियों के नामांकन (सभी ग्रेड्स में) में मामूली वृद्धि हुई है। जबकि निजी स्कूलों में सभी आयु समूहों में नामांकन अनुपात में गिरावट दर्ज की गई है।
- सरकारी स्कूलों में नामांकित लड़कों का अनुपात वर्ष 2018 में 62.8% से बढ़कर वर्ष 2020 में 66.4% हो गया।
- सर्वेक्षण से पता चलता है कि स्कूली वर्ष 2020-21 में बच्चों के दाखिला लेने का अनुपात महामारी के कारण कम हुआ है।
- नामांकित बच्चों में 60% से अधिक बच्चों के परिवार में कम से कम एक स्मार्टफ़ोन है। इस अनुपात में पिछले दो वर्षों में काफी वृद्धि हुई है।
- ग्रामीण भारत में प्रौद्योगिकी, स्कूल और पारिवारिक संसाधनों के अभाव के चलते शिक्षा में व्यापक डिजिटल विभाजन बना हुआ है, लगभग 20% ग्रामीण बच्चों के पास पढ़ने के लिये किताबें नहीं हैं।
- महामारी के दौरान व्हाट्सएप ने छात्रों को शिक्षा सम्बंधी सामग्री प्रसारित करने तथा छात्र-शिक्षक सम्पर्क बनाए रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की है।
शिक्षा की वार्षिक स्थिति रिपोर्ट (ASER)
- शिक्षा की वार्षिक स्थिति रिपोर्ट (Annual Status of Education Report- ASER) एक राष्ट्रव्यापी वार्षिक सर्वेक्षण है जिसका उद्देश्य ग्रामीण शिक्षा और अंकगणितीय कौशल सीखने सम्बंधी विश्वसनीय परिणाम उपलब्ध करवाना है। इस सर्वेक्षण को गैर लाभकारी संगठन ( NGO) प्रथम द्वारा कार्यान्वित तथा प्रकाशित किया जाता है।
- इस वर्ष यह सर्वेक्षण कोविड-19 महामारी के कारण फोनकॉल के माध्यम से आयोजित किया गया था। इसमें 30 राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों के 50,000 से अधिक परिवारों तथा स्कूली बच्चों को शामिल किया गया था।
- यह घर या परिवार आधारित सर्वेक्षण (स्कूल आधारित की बजाय) है।
- सर्वेक्षण में 3 से 16 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों के नामांकन की स्थिति तथा 5 से 16 वर्ष के आयुवर्ग के बच्चों की पढ़ने और अंकगणितीय क्षमताओं का आकलन किया जाता है।