चर्चा में क्यों?
- राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान, देहरादून ने राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ (एनएबी), नई दिल्ली के सहयोग से 'अंतर दृष्टि' एक अद्वितीय संवेदी अंधेरा कक्ष का उद्घाटन किया।
- उद्घाटनकर्ता: श्री राजेश अग्रवाल, सचिव, दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (DEPwD), सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय

'अंतर दृष्टि' – एक अनोखा संवेदी अनुभव
मुख्य विशेषताएँ:
- यह एक विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया कक्ष है जिसमें पूर्ण अंधकार (pitch darkness) रहता है।
- इसमें प्रवेश करने वाले व्यक्ति को दृष्टिबाधित लोगों की दैनिक जीवन की परिस्थितियों का अनुभव कराया जाता है।
अनुभवात्मक प्रशिक्षण का उद्देश्य:
- इस संवेदी कक्ष में दृष्टि की अनुपस्थिति में वस्तुओं को पहचानना, दूरी का अनुमान लगाना, चलना-फिरना, और अन्य दैनिक क्रियाएँ जैसे अनुभव कराए जाते हैं।
- इसमें शामिल गतिविधियाँ प्रतिभागियों को सुनने, छूने, सूंघने और स्पर्श के माध्यम से जानकारी प्राप्त करने के लिए प्रेरित करती हैं।
- यह कक्ष आम नागरिकों, छात्रों, नीति निर्माताओं, प्रशासनिक अधिकारियों और शिक्षकों को दृष्टिबाधित जीवन के प्रति संवेदनशील बनाने का कार्य करता है।
महत्त्व:
- यह नवाचार समावेशी समाज की दिशा में एक प्रभावशाली कदम है।
- इससे न केवल आमजन में दृष्टिबाधितों के प्रति सहानुभूति और समझ विकसित होती है, बल्कि यह सुलभता और समावेशन नीतियों को भी सशक्त करता है।
- यह कक्ष एक शैक्षणिक और सामाजिक जागरूकता उपकरण के रूप में कार्य करता है।
- यह दृष्टिबाधित लोगों की क्षमताओं को समझने और उनके लिए उपयुक्त वातावरण तैयार करने की दिशा में सहायक है।
प्रश्न. 'अंतर दृष्टि' परियोजना किन दो संस्थाओं के सहयोग से शुरू की गई है?
(a) नीति आयोग और WHO
(b) IIT दिल्ली और NIWE
(c) राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ और NIEPVD, देहरादून
(d) AIIMS और सामाजिक न्याय मंत्रालय
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