प्रारंभिक परीक्षा- अंटार्कटिक, पेंगुइन, H5N1 मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर-3, संरक्षण |
संदर्भ-
हाल ही में वैज्ञानिकों ने कुछ अंटार्कटिक पेंगुइन प्रजातियों में H5N1 नामक संक्रामक और अत्यधिक रोगजनक एवियन इन्फ्लूएंजा से पहली मौत की पुष्टि की है।
मुख्य बिंदु-
- वर्ष, 2021 के बाद से HPAI H5N1 क्लैड 2.3.4.4b के रूप में जाना जाने वाला H5N1का यह संस्करण वर्तमान में अधिक प्रभावी हो गया है।
- इसके कारण यूनाइटेड किंगडम, दक्षिण अमेरिका, यूरोप और दक्षिण अफ्रीका में लाखों पक्षियों की मौत हो गई है।
- H5N1 का यह संस्करण अंटार्कटिक में पहली बार वर्ष, 2023 के अंत में नजर आया।
- उस समय कुछ जेंटू पेंगुइन में इस वायरस की पुष्टि हुई, जो फ़ॉकलैंड द्वीप समूह में मृत पाए गए थे।
- 30 जनवरी, 2024 तक सी लायन द्वीप पर 200 से अधिक मरने वाले जेंटू पेंगुइन की सूचना मिली है।
- तीन अंटार्कटिक पेंगुइन प्रजातियों; यथा किंग पेंगुइन, दक्षिणी रॉकहॉपर पेंगुइन और मैकरोनी पेंगुइन को असुरक्षित या खतरे के नजदीक के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
किंग पेंगुइन में वायरस का प्रसार-
- ‘अंटार्कटिक वन्यजीव स्वास्थ्य नेटवर्क‘ अंटार्कटिक अनुसंधान पर बनी वैज्ञानिक समिति का हिस्सा है।
- इस संस्था के अनुसार, फ़ॉकलैंड से लगभग 900 मील पूर्व में दक्षिण जॉर्जिया द्वीप पर किंग पेंगुइन में संदिग्ध मामला दर्ज किया गया है।
- अभी तक इसकी मौत की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
कॉलोनियों में बीमारी का खतरा-
- अंटार्कटिक के पेंगुइन में इस रोगजनक वायरस के प्रति वर्तमान में कोई प्रतिरक्षा नहीं है।
- वे सीमित स्थानों वाली बड़ी कॉलोनियों में भी प्रजनन करते हैं।
- यदि एक पक्षी संक्रमित हो तो यह वायरस तेजी से फैल सकता है।
- वर्ष, 2023 में दक्षिण अमेरिका में इस वायरस के आने के बाद से 500,000 से अधिक समुद्री पक्षी मर चुके हैं।
- इनमें पेलिकन, बूबी और पेंगुइन सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं।
- चिली ने हजारों हम्बोल्ट पेंगुइनों की मौत की सूचना दी है।
- हाथी सील की बड़े पैमाने पर मौतों की सूचना मिली है, साथ ही केल्प गल्स और ब्राउन स्कुआ की मौतों में भी वृद्धि हुई है।
- अंटार्कटिक के मुख्य भूमि पर कोई संक्रमण रिपोर्ट नहीं किया गया है, लेकिन वायरस बिना पहचाने ही वहां फैल सकता है।
H5N1-
H5N1 वायरस को पहली बार वर्ष, 1996 में चीन में देखा गया था।
- यह हवा की बूंदों और पक्षियों के मल से फैलता है।
- मानव-जनित जलवायु परिवर्तन और घरेलू मुर्गीपालन में बार-बार पुन: परिसंचरण के कारण पक्षियों के प्रवास कार्यक्रम में बदलाव से यह और बढ़ गया है ।
- अनेक वर्षों से यह वायरस केवल पालतू पक्षियों तक ही सीमित था, लेकिन वर्ष 2021 से वनीय क्षेत्र में तेजी से फैल रहा है।
- यह वायरस मई, 2022 में जंगली स्तनधारियों में फैल गया।
- उसके बाद से इसे प्यूमा, लोमड़ी, स्कंक और भूरे भालू सहित दर्जनों स्तनधारियों में पाया गया है।
- अर्जेंटीना के पेटागोनिया में तीन प्रजनन स्थलों पर रहने वाले लगभग 96% हाथी सील के बच्चों की वर्ष, 2023 में बर्ड फ्लू से मृत्यु हो गई।
- यह वायरस आर्कटिक में भी वन्यजीव आबादी के माध्यम से फैल रहा है।
- दिसंबर, 2023 में पहली बार आर्कटिक में एक ध्रुवीय भालू की H5N1 से मृत्यु हो गई थी।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की चेतावनी-
- विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों से भविष्य में मनुष्यों पर इसके संभावित संक्रमण के लिए तैयार रहने को कहा है।
- प्रारंभ में वैज्ञानिकों ने सोचा था कि स्तनधारी केवल संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने से ही वायरस की चपेट में आ सकते हैं।
- जितना अधिक यह वायरस स्तनधारियों के बीच फैलेगा, उतना ही इसका विस्तार होगा।
पेंगुइन-
- यह अंटार्कटिक का सर्वाधिक आम पक्षी है।
- ये बड़ी आबादी वाली कॉलोनियों में रहते हैं।
- ये कठिन परिस्थितियों में भी जीवित रहते हैं।
- पेंगुइन की 18 अलग-अलग प्रजातियों में से केवल दो, एम्परर और एडेली ही, अंटार्कटिक महाद्वीप को अपना वास्तविक घर बनाते हैं।
- चिनस्ट्रैप, जेंटू और मैकरोनी अंटार्कटिक प्रायद्वीप के उत्तरी सिरे पर प्रजनन करते हैं, जहाँ परिस्थितियाँ कम कठोर होती हैं।
- किंग पेंगुइन केवल गर्म और उत्तरी उप अंटार्कटिक द्वीपों पर ही प्रजनन करते हैं।
- एक प्रजाति गैलापागोस पेंगुइन भूमध्य रेखा पर भी रहती है।
- पेंगुइन के पंख होते हैं, लेकिन वे उड़ नहीं सकते।
- ये कुशल तैराक और गोताखोर होते हैं।
- पेंगुइन के पंख कठोर और छोटे फ़्लिपर्स होते हैं जो उन्हें पानी के भीतर आगे बढ़ाते हैं।
- उनके पैर शरीर में बहुत पीछे की ओर स्थित होते हैं और पूंछ के साथ मिलकर उनके लिए पानी के नीचे पतवार बनाते हैं।
अंटार्कटिक-
- अंटार्कटिक दक्षिणी गोलार्ध में अंटार्कटिक अभिसरण से घिरा एक ठंडा सुदूर क्षेत्र है।
- अंटार्कटिक दक्षिणी गोलार्ध के लगभग 20 प्रतिशत भाग को कवर करता है।
- कुल क्षेत्रफल की दृष्टि से अंटार्कटिका पाँचवाँ सबसे बड़ा महाद्वीप है।
- यह एक अनोखा महाद्वीप है, क्योंकि इसमें मूल मानव आबादी नहीं है ।
- अंटार्कटिक में कोई देश नहीं हैं।
- अंटार्कटिक के रॉस द्वीप पर स्थित माउंट एरेबस पृथ्वी पर सबसे दक्षिण में स्थित सक्रिय ज्वालामुखी है।
- अंटार्कटिक रेगिस्तान दुनिया के सबसे शुष्क रेगिस्तानों में से एक है।
- यह पृथ्वी के ताप संतुलन का एक अभिन्न अंग है।
- अंटार्कटिक के आसपास का पानी "महासागर कन्वेयर बेल्ट" का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
- अंटार्कटिक के आसपास के ठंडे पानी को ‘अंटार्कटिक बॉटम वॉटर’ के नाम से जाना जाता है। यह इतना घना है कि समुद्र तल से टकराता है।
- लाइकेन , काई और स्थलीय शैवाल अंटार्कटिका में उगने वाली वनस्पति की कुछ प्रजातियों में से हैं ।
- अंटार्कटिक में ब्लू, फिन, हंपबैक, राइट, मिन्के, सेई, स्पर्म व्हेल, तेंदुआ सील, पेंगुइन आदि प्रमुख जीव पाए जाते हैं।
- अंटार्कटिक क्षेत्र 100 मिलियन से अधिक पक्षियों के साथ-साथ सील, समुद्री शेर और अन्य समुद्री स्तनधारियों के लिए महत्वपूर्ण प्रजनन क्षेत्र प्रदान करता है।
प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न-
प्रश्न- पेंगुइन के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- ये मुख्यतः आर्कटिक क्षेत्र में पाए जाते हैं।
- ये बड़ी आबादी वाली कॉलोनियों में रहते हैं।
- एक प्रजाति गैलापागोस पेंगुइन अंटार्कटिक पर भी रहती है।
उपर्युक्त में से कितना/कितने कथन सही है/हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीनों
(d) कोई नहीं
उत्तर- (a)
मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न-
प्रश्न- अंटार्कटिक पर H5N1 के विस्तार एवं उसके दुष्प्रभाव की व्याख्या कीजिए।
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