चर्चा में क्यों?
भारत सरकार ने घरेलू उद्योगों को सस्ते चीनी सामानों के आयात से बचाने के लिए पांच चीनी उत्पादों पर एंटी-डंपिंग शुल्क लगाया है।

प्रमुख बिंदु:
- वाणिज्य मंत्रालय की जांच इकाई व्यापार उपचार महानिदेशालय (DGTR) की सिफारिशों के बाद यह शुल्क लगाया गया।
- DGTR की जांच में पाया गया कि ये उत्पाद सामान्य से कम कीमतों पर भारत में निर्यात किए जा रहे थे, जिससे घरेलू उद्योगों को नुकसान हो रहा था।
एंटी-डंपिंग शुल्क लगाए गए उत्पाद:
- एल्यूमिनियम फॉइल
- अधिकतम 873 अमेरिकी डॉलर प्रति टन का अस्थायी शुल्क लगाया गया।
- यह शुल्क छह महीने के लिए प्रभावी रहेगा।
- ट्राइक्लोरो आइसोस्यान्यूरिक एसिड
- जल शोधन में उपयोग होने वाले इस उत्पाद पर 276 से 986 अमेरिकी डॉलर प्रति टन का शुल्क।
- सॉफ्ट फेराइट कोर
- इलेक्ट्रिक वाहनों, चार्जर और टेलीकॉम डिवाइस में उपयोग होता है।
- CIF (लागत, बीमा, मालभाड़ा) मूल्य का 35% तक शुल्क लगाया गया।
- वैक्यूम इंसुलेटेड फ्लास्क
- प्रति टन 1,732 अमेरिकी डॉलर का एंटी-डंपिंग शुल्क।
- पॉली विनाइल क्लोराइड (PVC) पेस्ट रेजिन
- चीन, कोरिया RP, मलेशिया, नॉर्वे, ताइवान और थाईलैंड से आयातित इस उत्पाद पर 89 से 707 अमेरिकी डॉलर प्रति टन शुल्क।
डंपिंग क्या है?
जब कोई देश या कंपनी अपने उत्पादों को किसी अन्य देश में उसकी वास्तविक लागत या घरेलू बाजार मूल्य से कम कीमत पर बेचती है, तो इसे डंपिंग कहा जाता है।
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एंटी-डंपिंग शुल्क
- यह एक प्रकार का कर (टैक्स) है, जो किसी देश द्वारा उन आयातित वस्तुओं पर लगाया जाता है, जिन्हें घरेलू बाजार मूल्य से कम कीमत पर बेचा जा रहा होता है।
- यह शुल्क घरेलू उद्योगों को सस्ते आयात से बचाने के लिए लगाया जाता है।
- यह विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नियमों के अनुरूप है।
प्रश्न. एंटी-डंपिंग शुल्क का उद्देश्य क्या है?
(a) सरकारी राजस्व बढ़ाना
(b) विदेशी व्यापार को प्रोत्साहित करना
(c) घरेलू उद्योगों की सुरक्षा करना
(d) निर्यात को कम करना
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