प्रारंभिक परीक्षा-बहुविवाह विरोधी कानून (Anti-polygamy law) मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर-2 |
चर्चा में क्यों
असम सरकार ने बहुविवाह विरोधी कानून का मसौदा तैयार करने के लिए तीन सदस्यीय पैनल का गठन किया।
प्रमुख बिंदु :
- असम सरकार ने राज्य में बहुविवाह को समाप्त करने के लिए प्रस्तावित कानून का मसौदा तैयार करने के लिए तीन सदस्यीय पैनल का गठन किया है।
- इस समिति के सदस्य महाधिवक्ता देवजीत सैकिया, कानूनी सलाहकार कुंतल शर्मा पाठक और पुलिस महानिदेशक ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह हैं।
- असम सरकार ने इससे पहले बहुविवाह विरोधी कानून बनाने के लिए राज्य विधायिका की विधायी शक्ति की जांच करने के लिए गुवाहाटी उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश रूमी फूकन (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था।
- न्यायमूर्ति फूकन की अध्यक्षता वाली समिति ने कहा कि सरकार के पास बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार है।
- राज्य सरकार ने प्रस्तावित बहुविवाह विरोधी कानून पर जनता की राय मांगी है।
- प्रतिक्रिया देने वाले 149 व्यक्तियों और संगठनों में से 146 ने इस कदम का समर्थन किया।
- समिति दिसंबर 2023 तक बहुविवाह विरोधी विधेयक के लिए 45 दिनों में मसौदा तैयार कर लेगी।
- जस्टिस फूकन पैनल ने समान नागरिक संहिता के लिए राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों के संबंध में भारत के संविधान के अनुच्छेद 25 के साथ-साथ मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत) अधिनियम, 1937 के प्रावधानों की जांच की थी।
- दक्षिणी असम के बराक घाटी और मध्य असम के जमुनामुख और होजई में बहुविवाह के कई मामले सामने आए हैं। इन इलाकों में बांग्लाभाषी मुसलमानों की बड़ी आबादी है।
बहुविवाह(Polygamy):
- बहुविवाह (प्रथा) ऐसी प्रथा है जिसमें कोई व्यक्ति स्त्री या पुरुष एक से अधिक व्यक्तियों से विवाह करता है।
- बहुविवाह (Polygamy) दो शब्दों से बना है 'बहु' का अर्थ 'बहुत' है और 'गामोस' का अर्थ है 'विवाह'।
- बहुविवाह का संबंध उस प्रकार के विवाहों से है जिसमें एक व्यक्ति द्वारा एक से अधिक विवाह किये जाते हैं।
- बहुविवाह में किसी भी महिला या पुरुष के एक ही समय में एक से अधिक वैवाहिक साथी होते हैं।
भारत में बहुविवाह:
- भारत की 1961 की जनगणना में एक लाख विवाहों के नमूने लेकर किए गए एक सर्वेक्षण में बताया गया था कि मुसलमानों में बहुविवाह का प्रतिशत महज 5.7 फीसदी था, जो भारत में सबसे अधिक रहा ।
- राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) के 2019-2020 के आंकड़ों में बताया गया था कि हिंदुओं की 1.3 फीसदी, मुसलमानों की 1.9 फीसदी और दूसरे धार्मिक समूहों की 1.6 फीसदी आबादी में अब भी बहुविवाह की प्रथा जारी है।
- राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के बीते 15 वर्षों के आंकड़ों के विश्लेषण के बाद मुंबई स्थित इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पॉपुलेशन स्टडीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि गरीब, अशिक्षित और ग्रामीण तबके में बहुविवाह प्रथा की दर ज्यादा है।
- ऐसे मामलों में क्षेत्र और धर्म के अलावा समाजिक -आर्थिक मुद्दों की भी अहम भूमिका है।
प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
- असम सरकार ने राज्य में बहुविवाह को समाप्त करने के लिए मसौदा तैयार करने हेतु तीन सदस्यीय पैनल का गठन किया है।
- बहुविवाह में किसी भी महिला या पुरुष के एक ही समय में एक ही वैवाहिक साथी होते हैं।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं ?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) कथन 1 और 2
(d) न तो 1 ना ही 2
उत्तर: (a)
मुख्य परीक्षा प्रश्न: बहुविवाह (प्रथा) क्या है? इसके कारणों का उल्लेख कीजिए साथ ही इसके उन्मूलन के उपायों पर चर्चा कीजिए।
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