(प्रारंभिक परीक्षा : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी) (मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र-3 : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विकास एवं अनुप्रयोग और रोज़मर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव और नई प्रौद्योगिकी का विकास) |
संदर्भ
- कोलकाता स्थित भारतीय इंजीनियरिंग विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान के शोधकर्ताओं ने सौर ऊर्जा उत्पादन का पूर्वानुमान लगाने के लिए एक बेहतर एआई तकनीक विकसित की है।
- सरल डीप लर्निंग मॉडल का उपयोग करने के बजाए इन वैज्ञानिकों ने डीप लर्निंग मॉडल के एक समूह का उपयोग किया। यह सरल डीप लर्निंग मॉडल की तुलना में अधिक उन्नत है तथा इससे सौर ऊर्जा उत्पादन के उच्च सटीक पूर्वानुमान प्राप्त हुए।
डीप लर्निंग मॉडल (Deep Larning Model)
- डीप लर्निंग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) में एक विधि है जो कंप्यूटर को मानव मस्तिष्क से प्रेरित तरीके से डाटा को प्रोसेस करना सिखाती है।
- डीप लर्निंग मॉडल सटीक जानकारी और पूर्वानुमान के लिए चित्रों, टेक्स्ट, ध्वनियों एवं अन्य डाटा में जटिल पैटर्न को पहचान सकते हैं।
- ऐसे कार्यों को स्वचालित करने के लिए डीप लर्निंग विधियों का उपयोग कर सकते हैं जिनमें आमतौर पर मानव बुद्धि की आवश्यकता होती है, जैसे- छवियों का वर्णन करना या ध्वनि फ़ाइल को टेक्स्ट में ट्रांसक्राइब करना।
- डीप लर्निंग तकनीक रोज़मर्रा के उत्पादों में उपयोग किए जाने वाले कई AI अनुप्रयोगों को संचालित करती है, जैसे :
- डिजिटल सहायक
- वॉयस-एक्टिवेटेड टेलीविज़न रिमोट
- धोखाधड़ी का पता लगाना
- चेहरे की स्वचालित पहचान
- यह स्वचालित कारों व आभासी वास्तविकता जैसी उभरती हुई तकनीकों का एक महत्वपूर्ण घटक भी है।
- डीप लर्निंग मॉडल कंप्यूटर फ़ाइल्स हैं जिन्हें डाटा वैज्ञानिकों ने एल्गोरिदम या पूर्वनिर्धारित सेट का उपयोग करके कार्य करने के लिए प्रशिक्षित किया है। विभिन्न व्यवसायों में डाट का विश्लेषण करने और विभिन्न अनुप्रयोगों में पूर्वानुमान लगाने के लिए डीप लर्निंग मॉडल का उपयोग किया जाता है।
सौर ऊर्जा उत्पादन पूर्वानुमान में डीप लर्निंग मॉडल के लाभ
- LSTM मॉडल : सरल कृत्रिम तंत्रिका नेटवर्क (Simple Artificial Neural Networks) से लेकर जटिल लॉन्ग शॉर्ट-टर्म मेमोरी (Long Short-term Memory : LSTM) तक के डीप लर्निंग मॉडल से पूर्वानुमान की सटीकता में सुधार हो रहा है।
- LSTM अनुक्रमिक डाटा के आधार पर पूर्वानुमान लगाने के लिए विशेष रूप से प्रभावी आर्किटेक्चर है।
- एनसेंबल मॉडल (Ensemble Models) : यह मशीन लर्निंग दृष्टिकोण भविष्यवाणी प्रक्रिया में कई अन्य मॉडलों को संयोजित करता है और फिर परिणामों को एकल स्कोर या स्प्रेड में संश्लेषित करता है। इससे पूर्वानुमानात्मक विश्लेषण एवं डाटा माइनिंग अनुप्रयोगों की सटीकता में सुधार होता है।
- इस मॉडल में सौर पैनलों की ऐसी भौतिक विशेषताओं को शामिल किया गया है जो भविष्यवाणी की सटीकता में वृद्धि करती हैं, जैसे- पैनल में सेल की संख्या, पैनल का अधिकतम कार्यात्मक तापमान, सामग्री का प्रकार एवं परिवेश का तापमान जैसे पैरामीटर शामिल हैं।
- बाई-डायरेक्शनल लॉन्ग शॉर्ट-टर्म मेमोरी (Bi-directional Long Short-term Memory : BI-LSTM) : यह एक प्रकार का आवर्ती तंत्रिका नेटवर्क (Recurrent Neural Network : RNN) है जो अनुक्रमिक डाटा को संभालने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- मानक LSTM के विपरीत BI-LSTM दोनों दिशाओं (अतीत से भविष्य और भविष्य से अतीत) में डाटा को संसाधित करता है।
- शोधकर्ताओं ने मौसम के मापदंडों तथा सौर ऊर्जा उत्पादन के आंकड़ों को मिलाकर एक डाटासेट तैयार किया और फिर संबंधित सौर संयंत्रों में लगाए गए सौर पैनलों की भौतिक विशेषताओं के साथ-साथ मौसम संबंधी डाटा लाकर डाटासेट को समृद्ध किया।
- BI-LSTM मॉडल सौर संयंत्र की भौगोलिक स्थिति की परवाह किए बिना लघु एवं दीर्घ दोनों क्षितिजों पर किसी विशिष्ट सौर संयंत्र के भविष्य के सौर ऊर्जा उत्पादन की भविष्यवाणी कर सकता है।
- अल्पकालिक पूर्वानुमान के लिए यह पंद्रह मिनट से एक घंटे पहले सौर ऊर्जा उत्पादन की भविष्यवाणी कर सकता है और दीर्घकालिक पूर्वानुमान के लिए उल्लेखनीय सटीकता के साथ 1 से 3 दिन पहले बिजली उत्पादन की भविष्यवाणी करने में सक्षम हैं।
- इस मॉडल ने दीर्घकालिक पूर्वानुमान के लिए बेस मॉडल से भी बेहतर प्रदर्शन किया।
निष्कर्ष
सौर ऊर्जा पूर्वानुमान के लिए उपलब्ध अधिकांश डीप लर्निंग मॉडल आमतौर पर सौर ऊर्जा उत्पादन की भविष्यवाणी करने के लिए केवल मौसम मापदंडों का उपयोग करते हैं किंतु इस मॉडल में सौर पैनलों की भौतिक विशेषताओं का उपयोग करके कुछ अतिरिक्त विशेषताएं उत्पन्न की गईं। यह अत्याधुनिक मॉडलों से अलग और अधिक उपयोगी हैं।