(प्रारंभिक परीक्षा : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी) (मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विकास व अनुप्रयोग और रोज़मर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव) |
संदर्भ
वर्ष 2024 का रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार अल्फाफोल्ड जैसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता संचालित प्लेटफॉर्म को प्रोटीन की संरचना की भविष्यवाणी करने और नए प्रोटीन डिजाइन करने की क्षमता के लिए प्रदान किया गया। यह सम्मान औषधि विकास में तेजी लाने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) की क्षमता को प्रदर्शित करता है।
औषधि विकास में ए.आई. प्रक्रिया के बारे में
- परिचय : ‘औषधि विकास में ए.आई.’ प्रक्रिया में नई दवाओं के अनुसंधान एवं विकास में मानवीय प्रयोगों के स्थान पर स्वचालन (Automation) तकनीक का प्रयोग किया जाता है।
- प्रक्रिया : इसमें नई दवाओं की कार्यप्रणाली और मानव शरीर में इन दवाओं के व्यवहार की भविष्यवाणी करने के लिए ए.आई. मशीनों एवं टूल्स का उपयोग किया जाता है।
- महत्त्व : इससे दवा विकास प्रक्रिया में तेजी लाने के साथ-साथ भविष्यवाणियों की सटीकता में सुधार करने में मदद मिलती है।
- लाभ : डाटा विज्ञान और ए.आई. कंपनियाँ डाटा प्रोसेसिंग क्षमताओं के सहयोग से औषधि उद्योग में महत्त्वपूर्ण परिवर्तन लाती हैं। इससे औषधि निर्माण के क्षेत्र में क्रांति आ गई है।
औषधि विकास में ए.आई. प्रक्रिया के प्रमुख लाभ
- लागत में कमी : शोध एवं विकास प्रक्रिया की औसत लागत प्रत्येक दवा (Drug) पर 2.168 बिलियन डॉलर के बराबर है। इस निवेश का बड़ा हिस्सा दवा अनुसंधान चरण पर व्यय किया जाता है।
- ए.आई. आधारित दवा विकास से दवा की जांच एवं संश्लेषण के लिए आवश्यक संसाधनों में वार्षिक 26 बिलियन डॉलर तक की कमी आ सकती है।
- पूर्वानुमान क्षमता : पूर्वानुमानात्मक विश्लेषण एवं औषधि उद्योग के शक्तिशाली संयोजन से रोग के संबंध में बेहतर परिणाम प्राप्त हो सकते हैं।
- इस प्रकार, कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग दवा के अवशोषण, वितरण, चयापचय एवं उत्सर्जन (ADME) गुणों के साथ-साथ उसकी प्रभावशीलता व सुरक्षा मुद्दों की भविष्यवाणी करने के लिए किया जा सकता है।
औषधि उद्योग में AI के अनुप्रयोग
- रोग लक्ष्य पहचान : ए.आई. एल्गोरिदम बायोमेडिकल डाटा एवं जीनोमिक जानकारी का विश्लेषण कर सकते हैं ताकि बीमारी के संभावित लक्ष्यों की पहचान की जा सके।
- मशीन लर्निंग मॉडल यह पहचानने में मदद कर सकती है कि कौन से प्रोटीन या जीन दवा के लक्ष्यों के रूप में काम कर सकते हैं।
- औषधि डिज़ाइन : ए.आई. का उपयोग दवा के अणुओं की संरचना एवं उनकी संभावित प्रभावशीलता का अनुमान लगाने के लिए किया जाता है।
- यह तकनीक संभावित औषधियों के संयोजनों की पहचान करने और नए यौगिकों के डिज़ाइन में मदद कर सकती है।
- प्रीक्लिनिकल एवं क्लिनिकल ट्रायल : ए.आई. की मदद से दवा के प्रभाव व सुरक्षा का विश्लेषण तीव्र एवं अधिक सटीक तरीके से किया जा सकता है जिससे ट्रायल की प्रक्रिया को सुधारने में मदद मिलती है।
- दवाओं का पुनः उपयोग : कोविड-19 महामारी के दौरान इसके लक्षणों को कम करने या संक्रमण के उपचार के लिए कई मौजूदा दवाओं के उपयोग को बढ़ाया दिया गया।
- इन दवाओं की प्रभाविकता को परखने एवं दुष्प्रभावों की पहचान में ए.आई. की विशेष भूमिका देखी जा सकती है।
- संयोजन चिकित्सा : संयोजन चिकित्सा या पॉलीथेरेपी में एक से अधिक दवाओं या चिकित्सकीय तरीकों का उपयोग किया जाता है।
- इसे मल्टीमोडैलिटी थेरेपी के रूप में भी जाना जाता है। हालाँकि, ए.आई. व्यापक बायोमेडिकल डाटा से युक्त होने के कारण दवाओं के सहक्रियात्मक संयोजनों की पहचान की क्षमता रखता है।
- पूर्वानुमानित मॉडलिंग एवं सिमुलेशन : दवाओं के विकास के इस चरण में शोधकर्ता जटिल रासायनिक यौगिकों की बेहतर समझ के लिए ए.आई. की सहायता से पूर्वानुमानित मॉडलिंग एवं सिमुलेशन का उपयोग करते हैं।
औषधि उद्योग में AI अनुप्रयोग में प्रमुख चुनौतियाँ
- उपयुक्त डाटा की उपलब्धता की कमी
- निम्न गुणवत्ता वाला या असंगत डाटा
- ए.आई.-आधारित दृष्टिकोण की निष्पक्षता एवं पूर्वाग्रह के बारे में नैतिक चिंताएँ
- केवल बड़ी फार्मा कंपनी के पास ही ऐसी अत्याधुनिक तकनीक होने से एकाधिकार का खतरा
- पूर्वाग्रह युक्त एल्गोरिदम से समानता एवं न्याय के सिद्धांतों के कमजोर होने की संभावना
- वर्तमान ए.आई. आधारित दृष्टिकोण को पारंपरिक प्रयोगात्मक तरीकों का विकल्प न माना जाना
- ये मानव शोधकर्ताओं की विशेषज्ञता एवं अनुभव को प्रतिस्थापित नहीं कर सकते हैं।
- ए.आई. द्वारा केवल उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर भविष्यवाणी कर सकना
- फिर इन परिणामों को मानव शोधकर्ताओं द्वारा प्रमाणित एवं वर्णित करने की आवश्यकता होती है।
- बहुआयामी डाटासेट की पहुँच पर निर्भरता के कारण ए.आई. संचालित समाधानों के बारे में पारदर्शिता प्रदान करने की अतिरिक्त चुनौती
- ए.आई. मॉडल के जटिल एवं अत्यधिक कम्प्यूटेशनल होने से सॉफ्टवेयर का धीमा व बहुत महंगा होना
आगे की राह
- पारंपरिक प्रयोगात्मक तरीकों के साथ ए.आई. के एकीकरण से औषधि खोज एवं विकास प्रक्रिया तीव्र गति से बढ़ रही है।
- ऐसी स्थिति में ए.आई. की भविष्य अनुमान (गणना) शक्ति को मानव शोधकर्ताओं की विशेषज्ञता एवं अनुभव के साथ जोड़कर औषधि खोज व विकास प्रक्रिया को अनुकूलित करने और नई औषधियों के विकास में तेजी लाने के लिए एक समग्र रणनीति की आवश्यकता है।
- इस प्रक्रिया में नैतिक चिंताओं को लक्षित करने की आवश्यकता है।
- इसके लिए वैश्विक स्तर पर सभी देशों द्वारा किसी समझौते की आवश्यकता है, जो सभी आयामों का समावेश करते हुए भविष्य के लिए औषधि विकास की प्रक्रिया की सभी चुनौतियों का समाधान कर सके।
निष्कर्ष
ए.आई. में औषधि विकास प्रक्रिया में क्रांति लाने की क्षमता है जो बेहतर दक्षता एवं सटीकता, त्वरित दवा विकास और अधिक प्रभावी तथा व्यक्तिगत उपचारों के विकास की क्षमता प्रदान करता है। हालांकि, औषधि विकास में ए.आई. का सफल अनुप्रयोग उच्च गुणवत्ता वाले डाटा की उपलब्धता, नैतिक चिंताओं के समाधान और ए.आई. आधारित दृष्टिकोणों की सीमाओं की मान्यता पर निर्भर करेगा।