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मत्स्य पालन में ड्रोन प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग

प्रारंभिक परीक्षा

(समसामयिक घटनाक्रम)

मुख्य परीक्षा

(सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3: पशु पालन संबंधी अर्थशास्त्र, किसानों की सहायता के लिये ई-प्रौद्योगिकी)

हाल ही में, केंद्रीय राज्यमंत्री जॉर्ज कुरियन ने कोच्चि में मत्स्य पालन एवं जलीय कृषि में ड्रोन प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग व प्रदर्शन पर कार्यशाला का उद्घाटन किया।

भारत में मत्स्य पालन क्षेत्र

  • भारत दुनिया के सबसे बड़े मछली उत्पादक देशों में से एक है और वैश्विक उत्पादन में इसकी हिस्सेदारी 7.58% है।
  • भारत में मत्स्य पालन और जलीय कृषि लाखों लोगों के लिए भोजन, पोषण, आय व आजीविका का एक महत्वपूर्ण स्रोत बना हुआ है।
  • भारत सरकार मत्स्य पालन क्षेत्र को समग्र रूप से बदलने और देश में नीली क्रांति के माध्यम से आर्थिक सुधार एवं समृद्धि के लिए निरंतर प्रयासरत रही है। 
  • पिछले दशक में भारत सरकार के मत्स्य पालन विभाग ने विभिन्न योजनाओं के माध्यम से 38,572 करोड़ रुपए के संचयी निवेश की घोषणा की है।
  • प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना ने मत्स्य पालन व जलीय कृषि क्षेत्र में टिकाऊ, आर्थिक रूप से व्यवहार्य एवं समावेशी विकास को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया है। 
    • इसमें आधुनिक जलीय कृषि पद्धतियाँ, उपग्रह-आधारित निगरानी, मछली परिवहन, पर्यावरणीय निगरानी के लिए ड्रोन तकनीक का प्रयोग शामिल हैं।

ड्रोन प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग 

  • जल के नमूने एकत्र करना
  • जलीय जीवों में बीमारियों की पहचान करना
  • मछलियों के लिए चारा प्रबंधन
  • जलीय कृषि क्षेत्रों का प्रबंधन
  • मछली विपणन की निगरानी
  • ​​बुनियादी ढांचे को हुए नुकसान का आकलन
  • प्राकृतिक आपदाओं के दौरान बचाव कार्य
  • सटीक तरीके से मत्स्ययन और स्टॉक मूल्यांकन जैसी प्रमुख गतिविधियाँ 
  • अंडरवाटर ड्रोन से मछलियों के प्राकृतिक आवासों में उनके व्यवहार की निगरानी
  • अनियमित तैराकी प्रतिरूप जैसे संकट के संकेतों की निगरानी 

इसे भी जानिए!

जलवायु लचीले तटीय मछुआरा गांव परियोजना 

  • केंद्र सरकार ने देश भर में 100 जलवायु लचीले तटीय मछुआरा गांवों को विकसित करने के लिए एक परियोजना शुरू करने की घोषणा की है।
  • इस पहल का उद्देश्य मछली सुखाने के यार्ड, प्रसंस्करण केंद्र और आपातकालीन बचाव सुविधाओं जैसी सहूलियत प्रदान करके जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लचीलापन में सुधार करना है।
    • साथ ही, इसका उद्देश्य समुद्री शैवाल की खेती और हरित ईंधन पहल जैसी जलवायु-लचीली प्रथाओं का समर्थन करना है।
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