हाल ही में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नौ राज्यों के राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल की नियुक्ति की
नवनियुक्त राज्यपाल
संतोष गंगवार- झारखंड के राज्यपाल
रामेन डेका- छत्तीसगढ़ के राज्यपाल
सी एच विजयशंकर- मेघालय के राज्यपाल
जिष्णु देव वर्मा- तेलंगाना के राज्यपाल
ओम प्रकाश माथुर- सिक्किम के राज्यपाल
हरिभाऊ किसनराव बागड़े - राजस्थान के राज्यपाल
सी.पी. राधाकृष्णन- महाराष्ट्र के राज्यपाल (पहले झारखंड के राज्यपाल थे)
गुलाब चंद कटारिया - पंजाब के राज्यपाल(पहले असम के राज्यपाल थे)
लक्ष्मण आचार्य- असम के राज्यपाल तथा मणिपुर के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार (पहले सिक्किम के राज्यपाल थे)
के. कैलाशनाथन- पुडुचेरी के उपराज्यपाल
राज्यपाल
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 153, के अनुसार प्रत्येक राज्य के लिए, एक राज्यपाल होगा
इस अनुच्छेद की कोई बात एक ही व्यक्ति को दो या अधिक राज्यों के लिए राज्यपाल नियुक्त किये जाने से नहीं रोकेगी।
संविधान के अनुच्छेद 155, के अनुसार राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति करता है।
अनुच्छेद 156, के अनुसार राज्यपाल, राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यन्त पद धारण करेगा।
राज्यपाल, राष्ट्रपति को सम्बोधित अपने हस्ताक्षर सहित लेख द्वारा, अपना पद त्याग सकेगा।
अनुच्छेद 157, के अनुसार, कोई व्यक्ति राज्यपाल नियुक्त होने का पात्र तभी होगा जब वह भारत का नागरिक हो, और 35 वर्ष की आयु पूरी कर चुका है।
राज्यपाल पद पर नियुक्त होने के लिए शर्तें -
राज्यपाल संसद के किसी सदन का या किसी राज्य के विधान-मण्डल के किसी सदन का सदस्य नहीं होगा।
यदि संसद के किसी सदन का या ऐसे किसी राज्य के विधान-मण्डल के किसी सदन का कोई सदस्य राज्यपाल नियुक्त हो जाता है, तो यह समझा जाएगा, कि उसने उस सदन में अपना स्थान राज्यपाल के रूप में अपने पद ग्रहण की तारीख से रिक्त कर दिया है।
राज्यपाल, अन्य कोई लाभ का पद धारण नहीं करेगा।
राज्यपाल, ऐसी उपलब्धियों, भत्तों और विशेषाधिकारों को प्राप्त करेगा, जिन्हें संसद, विधि द्वारा निर्धारित करे।
यदि एक ही व्यक्ति को दो या अधिक राज्यों का राज्यपाल नियुक्त किया जाता है, तो उस राज्यपाल को संदेय उपलब्धियाँ और भत्ते उन राज्यों के बीच ऐसे अनुपात में दिये जायेंगे, जो राष्ट्रपति अपने आदेश द्वारा निर्धारित करे।
राज्यपाल की उपलब्धियाँ और भत्ते उसकी पदावधि के दौरान कम नहीं किए जा सकते।
राज्यपाल की शक्तियां एवं कार्य
संविधान के अनुच्छेद 154 के अनुसार, राज्य की कार्यपालिका शक्ति राज्यपाल में निहित होगी और वह इसका प्रयोग संविधान के प्रावधानों के अनुसार स्वयं या अपने अधीनस्थ अधिकारियों के द्वारा करेगा।
अनुच्छेद 163, के अनुसार, राज्यपाल को अपने कार्यों में सहायता और सलाह देने के लिए एक मंत्रिपरिषद होगी, जिसका प्रधान, मुख्यमंत्री होगा।
अनुच्छेद 164, के अंतर्गत, राज्य के मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जाती है।
अनुच्छेद 166, के अनुसार, किसी राज्य सरकार की समस्त कार्यपालिका कार्यवाही राज्यपाल के नाम से की जाती है।
अनुच्छेद 167, के अनुसार प्रत्येक राज्य के मुख्यमंत्री का यह कर्तव्य होगा, कि वह राज्य के कार्यों के प्रशासन सम्बन्धी और विधान विषयक प्रस्थापनाओं सम्बन्धी मंत्रिपरिषद् के सभी विनिश्चय राज्यपाल को संसूचित करे।
प्रश्न - हाल ही में किसे झारखंड के राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया गया ?