New
IAS Foundation New Batch, Starting from 27th Aug 2024, 06:30 PM | Optional Subject History / Geography | Call: 9555124124

एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति 

प्रारंभिक परीक्षा - एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस)
मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 2 - शिक्षा, केन्द्र एवं राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिये कल्याणकारी योजनाएँ और इन योजनाओं का कार्य-निष्पादन; इन अति संवेदनशील वर्गों की रक्षा एवं बेहतरी के लिये गठित तंत्र, विधि, संस्थान एवं निकाय

संदर्भ

  • वित्त मंत्री ने केंद्रीय बजट 2023-24 के भाषण के दौरान कहा कि केंद्र सरकार अगले तीन वर्षों में देश भर में आदिवासी छात्रों के लिए एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (EMRS) के लिए 38,800 शिक्षकों और सहायक कर्मचारियों को नियुक्त करेगी। 

एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस)

eklavya-adarsh-residential-schools

  • एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) को  जनजातीय मामलों के मंत्रालय के अंतर्गत वर्ष 1997-98 में शुरू किया गया था। 
  • भारत के संविधान के अनुच्छेद 275(1) के तहत प्राप्त अनुदान से एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में स्थापित किए जाते हैं।
  • 2018-19 के बजट के अनुसार, 50% से अधिक एसटी आबादी और कम-से-कम 20,000 आदिवासी आबादी वाले प्रत्येक ब्लॉक में वर्ष 2022 तक एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय की स्थापना की जाएगी।
  • एकलव्य विद्यालय में शिक्षा प्रदान करने के अलावा स्थानीय कला और संस्कृति के संरक्षण के लिए विशेष सुविधाएं होती है, इन विद्यालयों में खेल और कौशल विकास का प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाता है।
  • इन विद्यालयों में CBSE पाठ्यक्रम का अनुसरण किया जाता है, तथा  शिक्षा पूर्ण रूप से नि:शुल्क होती है।
  • कक्षा छठी से बारहवीं तक के छात्रों के लिए 480 छात्रों की क्षमता के साथ यह स्कूल स्थापित किए गए है, इनमें लड़कों और लड़कियों के लिए सीटों की संख्या समान होगी।
  • इन स्कूलों में गैर-एसटी छात्रों को कुल सीटों के 10% तक सीटों पर प्रवेश दिया जा सकता है।
  • राज्य स्वीकृत संख्या के अतिरिक्त ईएमआरएस का भी संचालन कर सकते हैं, अगर राज्य के सभी विद्यालय सुचारू रूप से काम कर रहे हैं, तो राज्य, केंद्र सरकार से ऐसे और विद्यालयों की स्थापना करने की मांग कर सकते है।
  • जनजातीय छात्रों के लिए एक राज्य शिक्षा सोसाइटी (एसईएसटीएस) की स्थापना की गयी है, जो जमीन पर ईएमआरएस के प्रबंधन को देखता है।
  • जनजातीय मामलों के मंत्रालय के तहत, एक स्वायत्त निकाय के रूप में नेशनल एजुकेशन सोसाइटी फॉर ट्राइबल स्टूडेंट्स (एनईएसटी) की स्थापना स्कूलों के प्रशासन में एकरूपता लाने के लिए स्कूलों को समग्र समर्थन और नीति निर्देश प्रदान करने के लिए की गई है।
  • जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने मई, 2021 में Microsoft के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए, ताकि एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (EMRS ) और आश्रम स्कूलों जैसे जनजातीय स्कूलों के डिजिटल परिवर्तन में मदद मिल सके।

उद्देश्य

  • ईएमआरएस का उद्देश्य अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण, मध्यम और उच्च स्तरीय शिक्षा प्रदान करना है।
  • इन स्कूलों के माध्यम से, दूरदराज के क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के छात्र, ना केवल उच्च और व्यावसायिक शैक्षिक पाठ्यक्रम और सरकारी व सार्वजनिक नौकरियों के लिए आरक्षण का लाभ उठाने में सक्षम होंगे, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में गैर एसटी आबादी के बराबर सर्वोत्तम अवसरों तक पहुंच प्राप्त कर सकेंगे।
  • ईएमआरएस में नामांकित सभी छात्रों का व्यापक शारीरिक, मानसिक और सामाजिक रूप से विकास इसका अंतिम ध्येय है।

महत्व

  • एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय से आदिवासी समूहों के बीच साक्षरता में सुधार होगा।
  • यह आदिवासी छात्रों का सभी क्षेत्रों में समावेशी विकास सुनिश्चित करेगा।
  • यह प्रत्येक शैक्षिक चरण में छात्रों का मार्गदर्शन करने के साथ-साथ बुनियादी ढांचा सुविधाएं भी प्रदान भी करेगा।
  • इससे आदिवासियों के लिए रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी।
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR